उत्तराखंड

ये मजदूर भूखे हैं !

जिलाधिकारी के सामने मजदूरों ने सुनाया अपना दुखड़ा

पिछले चार माह से नहीं मिली मजदूरी

रुद्रप्रयाग। जिले में मजदूरों के शोषण का मामला सामने आया है। पिछले चार माह से मजदूरों का भुगतान न होने के कारण अब उन्हें दो वक्त की रोटी भी नसीब नहीं हो पा रही है। इस संबंध में करीब डेढ़ दर्जन मजदूरों ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने मुलाकात कर अपना दुखड़ा सुनाया।

दरअसल, रैंतोली-बीरों मोटरमार्ग पर पिछले चार माह से मजदूर सड़क के किनारे पैराफिट का निमार्ण, रंग-रोगन और कॉज-वे निर्माण का काम कर रहे हैं। लेकिन काम के एवज में उन्हें मजदूरी नहीं दी गई। जबकि ठेकेदार ने प्रत्येक माह के अंत में मजदूरों को मजदूरी देने का वादा किया था। इस संबंध में मजदूरों ने लोक निर्माण के अभियंताओं से भी शिकायत की। इसके बावजूद उन्हें मजदूरी नहीं मिल पाई। मजदूर राजू, श्रावण, गणेश बिष्ट, उमेश सिंह का कहना है कि चार माह से मजदूरी कर रहे हैं और अब उनके पास फूटी कौड़ी तक नहीं है। पिछले दो दिन से खाना भी नहीं खाया है। राशन की दुकान में भी भुगतान न होने से राशन मिलनी बंद हो गई है। ठेकेदार और मुंशी मजदूरी देने के बजाय अब धमकी दे रहे हैं। करीब डेढ़ दर्जन मजदूरों का तीन लाख रुपए का भुगतान होना है।

नेपाल से मजदूरी करने आए गणेश का कहना है कि उसका छह माह का बच्चा है। रोजी-रोटी के चक्कर में वह बच्चे को छोड़कर उत्तराखंड आया है। पिछले सात माह से वह काम पर है। लेकिन एक भी रुपया नहीं मिला है। अब भूखे मरने की नौबत आ गई है। वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि मजदूरों की शिकायत पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लोनिवि के अधिकारियों से वार्ता कर निर्देश दिए गए हैं कि ठेकेदार से मजदूरों का पूरा भुगतान कराया जाय। मजदूरों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

 

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