उत्तराखंड

उत्तराखंड की बेटी को नारी शक्ति पुरस्कार

वर्तिका को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया

उत्तराखंड की बेटियों ने बार बार वो कर दिखाया है, जिसे करने में अच्छे खासे दिग्गजों के हौसले पस्त हो जाते हैं। इन्हीं में से एक हैं लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी। वर्तिका को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाना है। इस सम्मान को लेने के लिए उनकी टीम की सदस्य विजया देवी राष्ट्रपति भवन पहुंचीं। वर्तिका देश की ऐसी पहली ऐसी महिला नेवी ऑफिसर हैं, जो एक जहाज (आईएनएस तारिणी) को लेकर विश्व भ्रमण पर गईं थीं। वर्तिका जोशी मूल रूप से पौड़ी के धूमाकोट क्षेत्र के स्यालखेत गांव की हैं। वर्तिका की मां अल्पना जोशी राजकीय महाविद्यालय में हिंदी की विभागाध्यक्ष है। साल 2010 में वर्तिका नौ सेना अधिकारी बनी। वर्तिका जोशी के पिता प्रोफेसर पीके जोशी HNB यूनिवर्सिटी में बीएड विभाग में हैं। वर्तिका जोशी समेत इस दल में कुल मिलाकर 6 महिला अधिकारी हैं।

इस टीम की कमांडर लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ही हैं। वर्तिका समेत 5 महिला अधिकारियों को महिला दिवस पर ये खास सम्मान दिया जा रहा है। 10 सितंबर 2017 को भारतीय नौ सेना की जांबाज लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्व में इंडियन नेवी की 6 महिला अधिकारियों का दल सितंबर 2017 में गोवा से विश्व की परिक्रमा पर निकला था। इस वक्त खुद पीएम मोदी ने इस अभियान की जबरदस्त तारीफ की थी। अब अप्रैल के आखिर में ये अभियान पूरा होगा और सभी महिला अधिकारी गोवा पहुंचेंगी। वर्तिका जोशी समेत 5 महिला अधिकारियों का चयन नारी शक्ति पुरस्कार के लिए किया गया। वर्तिका के पिता का कहना है कि उनकी बेटी का ये अभियान दक्षिण अफ्रीका पहुंच चुका है। वर्तिका के पिता को नेवी हेडक्वॉर्टर से फोन आया और इसके बाद परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी।

इस अभियान की खास बात ये है कि इस दौरान इस टीम को करीब 27 हजार 500 नॉटिकल मील का सफर तय करना है। वर्तिका इससे पूर्व आईएनएसवी महादेई में भी ऐसा ही अभियान पूरा कर चुकी हैं। वर्तिका जोशी का परिवार फिलहाल उग्रसेन नगर में रहता है । उनकी पढ़ाई श्रीनगर और ऋषिकेश से हुई है। पीएम मोदी ने वर्तिका की तारीफ में लिखा था कि ‘’भारतीय महिला नौसैनिकों का दल दुनिया को अपनी शक्ति और देश की क्षमताओं का परिचय दे। भारतीय नौसेना की 6 होनहार अफसर विश्व भ्रमण पर निकल रही हैं। मैं इन अफसरों को अपने लक्ष्य में कामयाबी हासिल करने की कामना करता हूं।’ कुल मिलाकर कहें तो हिंदुस्तान की इस बेटी ने हर लक्ष्य को पूरा किया। जिंदगी में किसी भी काम को टालने का मन नहीं बनाया। इस वजह से आज वो इस मुकाम पर है। उत्तराखंड को इस बेटी पर गर्व है।

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