पशुओं के साथ कू्रर व्यवहार अपनाने वाले दो संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज..
जिलाधिकारी के निर्देश पर टीम का किया गया गठन..
टीम की ओर से केदारनाथ पैदल मार्ग पर की जा रही चैकिंग..
बीमार पशुओं और अधिक भार ढुलान वाले पशु पालकों के खिलाफ की जा रही कार्यवाही..
रुद्रप्रयाग : केदारनाथ पैदल मार्ग में घोड़े-खच्चरों के साथ क्रूर व्यवहार अपनाने वाले दो संचालकों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। ये लोग बीमार पशुओं का संचालन करने के साथ ही अधिक भार ढो रहे थे। ऐसे में प्रशासन की ओर से इन पर कड़ी कार्यवाही अमल में लाई गई है।
बता दें कि केदारनाथ यात्रा मार्ग में घोड़े-खच्चरों का संचालन करने वाले पशुओं के साथ दुव्र्यहार अपना रहे हैं। उन्हें समय से दाना-पानी नहीं दे रहे हैं और लगातार उन्हें पैदल मार्ग पर दौड़ा रहे हैं, जिस कारण घोड़े-खच्चर बीमार पड़ रहे हैं और उनका स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इसके अलावा ऐसे भी संचालक एवं हाॅकर हैं, जो बीमार पशुओं को दौड़ाने में लगे हैं और कुछ संचालक अधिक भार का ढुलान भी कर रहे हैं।
ऐसे में जिला प्रशासन की ओर से ऐसे संचालकों एवं हाॅकरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जा रही है, जिससे आगे से कोई ऐसा कृत्य ना करे।
मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ आशीष रावत ने बताया कि घोड़े-खच्चर संचालक एवं हाॅकरों की मिल रही शिकायतों के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशन में पशुपालन विभाग ने तत्काल दो टीमें गठित की हैं।
सेक्टर गौरीकुंड में तैनात टीम-ए पशुचिकित्साधिकारी डाॅ राजीव कुमार गोयल के नेतृत्व में कार्य रही है, जबकि सेक्टर सोनप्रयाग में टीम बी पशु चिकित्साधिकारी डाॅ दीपमणी गुप्ता के नेतृत्व में तैनात की गई है। इन टीमों में पुलिस विभाग के नामित अधिकारी, संबंधित सेक्टर के सेक्टर प्रभारी व घोड़ा-खच्चर संचालक संघ के नामित प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि गठित टीमों द्वारा संयुक्त रूप से निरीक्षण करते हुए जांच के दौरान देखा जा रहा है कि घोड़े-खच्चर संचालक व हाॅकर कमजोर अथवा अस्वस्थ पशुओं का संचालन तो नहीं कर रहे हैं। इसके साथ ही बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा ढुलान का कार्य कर रहे घोड़ा-खच्चर स्वामियों व हाॅकरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए एफआरआई दर्ज की जा रही है। उन्होंने बताया कि चैकिंग अभियान के दौरान ऐसे दो पशु स्वामियों के विरुद्ध पशु क्रूरता अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है।
इनमें दिलबर सिंह पुत्र चोटिया सिंह ग्राम खुमेरा ऊखीमठ का खच्चर पिछले तीन से चार दिन से बीमार चल रहा था, फिर भी उसे यात्रा पर ले जाया जा रहा था। ऐसे में टीम की ओर से चलने में असमर्थ खच्चर को उपचार के लिए पशु चिकित्सालय गौरीकुंड लाया गया तथा उसका उपचार किया गया।
दूसरी ओर पशु स्वामी मोहम्मद शहवान पुत्र शराफत अली ग्राम शाहनपुर नजीबाबाद जिला बिजनौर अपने छोटे खच्चर पर अधिक भार ढुलान कर रहा था, जिसमें एक व्यस्क व्यक्ति तथा एक 10-12 साल का बच्चा बैठा था। खच्चर पर अधिक भार ढुलान से खच्चर की तबियत बिगड़ने की संभावना को देखते हुए एफआईआर दर्ज की गई है।
केदारनाथ पैदल मार्ग पर निरंतर चैकिंग अभियान चलाया जायेगा, जिससे घोड़ा-खच्चर संचालक एवं हाॅकर के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जा सके।
