उत्तराखंड

देवस्थानम बोर्ड विरोध में धरने पर बैठे 11 तीर्थ पुरोहितों ने कराया मुंडन, उग्र आंदोलन..

देवस्थानम बोर्ड विरोध में धरने पर बैठे 11 तीर्थ पुरोहितों ने कराया मुंडन..

उग्र आंदोलन की दी चेतावनी… 

बोर्ड भंग करवाने के लिए गंगा जल का लिया संकल्प…

उत्तराखंड : चारधाम देवस्थानम बोर्ड के विरोध में 11 तीर्थपुरोहितों ने गंगा संगम पर सामूहिक मुंडन किया। साथ ही सरकार की हिंदू तीर्थों के प्रति भेदभावपूर्ण नीति के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। तीर्थपुरोहितों ने गंगाजल से संकल्प लिया कि जब तक देवस्थानम बोर्ड भंग नहीं किया जाएगा, उनका संघर्ष जारी रहेगा।

चारधाम तीर्थपुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल की अगुवाई में तीर्थपुरोहित अलकनंदा भागीरथी संगम पर पहुुंचे।  उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को तीर्थपुरोहितों और हक हकूकधारियों के अधिकारों का हनन करने वाला बताया।

महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने सरकार को चेतावनी दी कि तीर्थपुरोहित अभी सरकार से देवस्थानम बोर्ड भंग किए जाने की आस लगाए हैं। यदि सरकार अपनी जिद पर अड़ी रही, तो बोर्ड के खिलाफ सरकार को उग्र आंदोलन का सामना करना पड़ेगा।

तीर्थ पुरोहित व विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक टोडरिया ने कहा कि सरकार में अगर साहस है, तो वह अन्य धर्म के किसी तीर्थ व उपासना स्थल के लिए कोई बोर्ड गठित कर देखे।

सरकार पर लगाए आरोप…

तीर्थपुरोहित अत्रेश ध्यानी ने कहा की सरकार किसी चर्च, मस्जिद, गुरुद्वारे आदि को अपने अधीन करने की हिम्मत नहीं कर सकती वह केवल हिंदुओं के धर्म स्थलों को ही अपने नियंत्रण में लाने की कोशिश में जुटी है। इस मौके पर मुंडन करने वालों में अत्रेश ध्यानी, अशोक टोडरिया, शांति प्रकाश जोशी, राहुल कोटियाल, पुणेंदु बाबुलकर, आलोक भट्ट, नटवरलाल छहभाई, सूरी कोटियाल सहित 11 लोग शामिल थे।

केदारनाथ में भी तीर्थपुरोहित आंदोलनरत..

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का दो सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन जारी रहा। बृहस्पतिवार को केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि सरकार द्वारा आंदोलन की उपेक्षा की जा रही है। देवस्थानम बोर्ड को थोपकर यात्रा संचालन की सदियों पुरानी परंपरा को हाशिए पर रखा गया है, जो उचित नहीं हैं। इस मौके पर शशि अवस्थी, तेज प्रकाश पोस्ती, मनोज तिवारी, रोशन तिवारी, धीरेंद्र शुक्ला, हिमांशु, अंकुर, उमेश चंद्र आदि मौजूद थे।  संवाद

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top