होमस्टे योजना से रुद्रप्रयाग की महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर
पेश कर रहीं सशक्त उदाहरण..
उत्तराखंड: पहाड़ी जिलों में संचालित होमस्टे योजना आज ग्रामीण महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का मजबूत माध्यम बनती जा रही है। उत्तराखंड सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ अब बड़े स्तर पर महिलाओं को मिल रहा है, जिससे न केवल उनकी आर्थिकी सुदृढ़ हुई है, बल्कि वे समाज में प्रेरणा का स्रोत भी बन रही हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में प्रदेशभर में महिला सशक्तिकरण की दिशा में लगातार प्रभावी प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में जनपद रुद्रप्रयाग में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए ठोस और परिणामकारी कदम उठाए गए हैं। सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के जमीनी स्तर पर सफल क्रियान्वयन से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और अपने परिवार की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। जनपद रुद्रप्रयाग के मक्कू मठ क्षेत्र में महिलाओं द्वारा संचालित ‘अपणु घर’ होम-स्टे आज आत्मनिर्भरता और महिला उद्यमिता की एक सशक्त मिसाल बनकर उभरे हैं।
इन होम-स्टे का संचालन पूरी तरह स्थानीय महिलाओं के हाथों में है। यहां छह महिलाएं स्वयं प्रबंधन, अतिथि सत्कार, साफ-सफाई, खानपान और दैनिक संचालन जैसी सभी जिम्मेदारियां बखूबी निभा रही हैं। ‘अपणु घर’ होम-स्टे न केवल पर्यटकों को पहाड़ की संस्कृति, पारंपरिक खानपान और आत्मीय आतिथ्य का अनुभव करा रहा है, बल्कि इससे जुड़ी महिलाएं नियमित आय अर्जित कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं। महिलाओं का कहना है कि होमस्टे से उन्हें आत्मसम्मान के साथ रोजगार मिला है और अब वे अपने निर्णय स्वयं लेने में सक्षम हुई हैं। स्थानीय स्तर पर होमस्टे के संचालन से क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है। बाहर से आने वाले पर्यटक पहाड़ की सादगी, प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक जीवनशैली से रूबरू हो रहे हैं। इससे न केवल महिलाओं की आय बढ़ रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं और अन्य ग्रामीणों के लिए भी रोजगार के नए अवसर सृजित हो रहे हैं। ग्रामीण महिलाओं की यह पहल अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रही है। ‘अपणु घर’ होम-स्टे यह साबित करता है कि यदि सही मार्गदर्शन और सरकारी सहयोग मिले, तो पहाड़ की महिलाएं भी स्वरोजगार के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू सकती हैं। कुल मिलाकर होमस्टे योजना के माध्यम से रुद्रप्रयाग की महिलाएं आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिख रही हैं। यह पहल न केवल महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि पहाड़ी क्षेत्रों में सतत विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का भी प्रभावी मॉडल बनकर सामने आई है।
खंड विकास अधिकारी ऊखीमठ अनुष्का ने कहा कि मक्कू मठ क्षेत्र में होम-स्टे से जुड़ी सभी महिलाएं अब पूरी तरह आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। इन होम-स्टे को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से जोड़ा गया है, जहां ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा उपलब्ध है। इसके माध्यम से देश-प्रदेश के दूर-दराज क्षेत्रों से पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं, जिससे महिलाओं को नियमित और अच्छी आमदनी हो रही है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की योजनाओं का लाभ अन्य गांवों में भी विस्तारित करने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जा सके। इन होम-स्टे के निर्माण और विकास के लिए बाल विकास विभाग, हिमोत्थान सोसायटी तथा मनरेगा के माध्यम से वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई है, जिससे महिलाओं को स्वरोजगार का एक स्थायी और सम्मानजनक माध्यम मिला है।
इस पहल से न केवल महिलाओं की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और सामाजिक सशक्तिकरण को भी नई दिशा मिली है। मक्कू मठ क्षेत्र के ये होम-स्टे स्थानीय संस्कृति, पारंपरिक आतिथ्य और महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। यह पहल ग्रामीण महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रही है और प्रदेश में आत्मनिर्भर उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है। बता दे कि उत्तराखंड में होम-स्टे योजना राज्य के युवाओं और महिलाओं के लिए बेहतर स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बनती जा रही है, जिससे उन्हें अपने घर पर ही रोजगार के अवसर मिल रहे हैं और पलायन पर भी प्रभावी रोक लग रही है।