उत्तराखंड

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव, शासन ने पांच साल से अधिक की सभी संबद्धता की समाप्त..

उत्तराखंड शिक्षा विभाग में बड़ा बदलाव, शासन ने पांच साल से अधिक की सभी संबद्धता की समाप्त..

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा विभाग से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। शासन ने शुक्रवार को एक अहम आदेश जारी करते हुए पांच साल से अधिक समय से अन्य विभागों में संबद्ध सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का निर्णय लिया है। जारी आदेश के अनुसार जिन अधिकारी-कर्मचारियों की संबद्धता (Deputation/Attachment) पांच वर्ष या उससे अधिक हो चुकी है, उनकी प्रतिनियुक्ति तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है। ऐसे सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक सप्ताह के भीतर अपने मूल तैनाती स्थल पर वापस जाकर जॉइन करने के निर्देश दिए गए हैं। शासन के इस निर्णय से लंबे समय से एक ही जगह कार्यरत कई अधिकारी और कर्मचारी प्रभावित होंगे।

विभागीय सूत्रों के अनुसार यह कदम उच्च शिक्षा विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। अक्सर यह शिकायतें मिलती रही हैं कि कई अधिकारी-कर्मचारी वर्षों से एक ही विभाग में संबद्ध रहकर कार्य कर रहे हैं, जिससे कार्यप्रणाली प्रभावित हो रही थी। सरकार का कहना है कि यह निर्णय प्रशासनिक दक्षता और बेहतर कार्य संस्कृति को ध्यान में रखकर लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए हैं। राज्य सरकार समय-समय पर विभिन्न विभागों में प्रतिनियुक्ति और संबद्धता की अवधि पर नियंत्रण लगाने के प्रयास करती रही है। इस बार शासन ने सख्ती दिखाते हुए पांच साल से अधिक की सभी संबद्धताओं को तत्काल समाप्त कर दिया है।

उच्च शिक्षा सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा की ओर से जारी आदेशों में स्पष्ट कहा गया है कि जो अधिकारी और कर्मचारी पांच वर्ष या उससे अधिक समय से अन्य विभागों में संबद्ध हैं, उन्हें एक हफ्ते के भीतर अपने मूल तैनाती स्थल पर जॉइन करना होगा। सचिव द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार यह आदेश केवल संबद्धता तक सीमित नहीं हैं बल्कि राज्यान्तर्गत बाह्य सेवा, प्रतिनियुक्ति और सेवा स्थानांतरण से जुड़े मामलों पर भी लागू होंगे। इस कदम का उद्देश्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कार्यप्रणाली को और अधिक व्यवस्थित करना है। शासन का मानना है कि वर्षों से एक ही जगह संबद्ध रहकर कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण विभागीय पारदर्शिता और कार्यकुशलता प्रभावित हो रही थी। अब इस सख्ती से उच्च शिक्षा संस्थानों में न केवल कार्यप्रणाली सुधरेगी बल्कि प्रशासनिक जिम्मेदारियों का संतुलन भी बेहतर तरीके से स्थापित हो सकेगा। आदेश लागू होने के बाद कई ऐसे अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित होंगे, जो लंबे समय से विशेष पदों या संस्थानों में कार्यरत थे। विभाग ने सभी अधिकारियों और संस्थानों को निर्देश दिए हैं कि आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जाए।

 

 

 

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