उत्तराखंड

सवालों के घेरे में पीएमजीएसवाई विभाग की कार्यप्रणाली…

सवालों के घेरे में पीएमजीएसवाई विभाग की कार्यप्रणाली
ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग कई स्थानों पर बना है जानलेवा
डामरीकरण व चैड़ीकरण के नाम पर करोड़ों रूपये किये खर्च

रुद्रप्रयाग। पीएमजीएसवाई की अनदेखी के कारण ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मोटर मार्ग कई स्थानों पर जानलेवा बना हुआ है। मार्ग का अधिकांश हिस्सा कीचड़ में तब्दील होने से राहगीरों को जान हथेली पर रखकर आवाजाही करनी पड़ रही है। विभाग की ओर से मोटरमार्ग के रख रखाव पर करोड़ों रूपये व्यय किये गये, मगर निर्माण कार्यो मंे गुणवत्ता को दरकिनार किये जाने से विभाग की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गई है। विदित हो कि पीएमजीएसवाई द्वारा चार वर्ष पूर्व ऊखीमठ-उनियाणा-रांसी मार्ग के डामरीकरण व चैड़ीकरण के नाम पर करोड़ों रूपये व्यय किया गया था, मगर वर्तमान समय में मार्ग सलामी, फाफज, बुरूवा, जुगासू, राऊलैंक, उनियाणा सहित कई स्थानों पर तालाबों में तब्दील होने से राहगीरों को जान जोखिम में डालकर आवाजाही करनी पड रही है।

प्रधान राजकुमारी राणा, सरिता नेगी, सरिता पंवार, रूप सिंह नेगी, पुष्पा देवी, मदन बत्र्वाल, राकेश नेगी, रणजीत सिंह रावत, शिव सिंह नेगी, दलीप रावत, भरोसी देवी, लक्ष्मण सिंह पंवार, भगत सिह पंवार, बीना थपलियाल का कहना कि कई बार शासन-प्रशासन और पीएमजीएसवाई को अवगत कराने के बाद भी मार्ग के हालात नहीं सुधारे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मार्ग का अधिंकाश हिस्सा तालाबों व कीचड़ में तब्दील होने से मदमहेश्वर घाटी के दर्जनों ग्रामीणों व मदमहेश्वर धाम जाने वाले तीर्थ यात्रियों को जोखिम भरा सफर तय करना पड़ रहा है। वहीं उप जिलाधिकारी गोपाल सिंह चैहान कहना है कि मोटरमार्ग पर किये गये कार्यों की जांच की जायेगी और दोषी पाये जाने पर कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

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