द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर के कपाट बंद, ओंकारेश्वर मंदिर में स्थापित होगी शीतकालीन डोली..
उत्तराखंड: पंच केदारों में शामिल द्वितीय केदार भगवान मध्यमहेश्वर मंदिर के कपाट आज मंगलवार को सुबह पूरे वैदिक मंत्रोच्चार और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के साथ ही अब भक्त भगवान के शीतकालीन दर्शन उखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में कर सकेंगे। मुख्य पुजारी शिव लिंग के अनुसार मंगलवार सुबह करीब 5 बजे हक-हकूकधारी ग्रामीणों, पुजारियों और आचार्यों की उपस्थिति में कपाट बंद करने की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। धार्मिक परंपराओं और अनुष्ठानों का पूर्णतः पालन करते हुए भगवान मध्यमहेश्वर के स्वयंभू लिंग को विधिवत समाधि दी गई। इसके बाद भोग मूर्तियों को चल उत्सव विग्रह रूप में डोली में विराजमान किया गया। कपाट बंद होने के बाद डोली अपने शीतकालीन प्रवास के लिए प्रस्थान कर चुकी है। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार डोली रात्रि प्रवास के लिए गोंडार गांव पहुंचेगी। 19 नवंबर को राकेश्वरी मंदिर रांसी में रात्रि प्रवास और 20 नवंबर को गिरिया व 21 नवंबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएगी। मनसूना में भगवान मध्यमहेश्वर की डोली आगमन पर 18 से 20 नवंबर तक मेले का आयोजन किया जाएगा। मेला समिति के अध्यक्ष संजय मनवाल ने कहा कि मेले में विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं स्कूली छात्र-छात्राओं और लोक गायकों की प्रस्तुतियां होगी। मेला आयोजन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।