उत्तराखंड

शिक्षा विभाग में बना सहमति का फार्मूला, पूरे सेवाकाल में एक बार गृह जिले में तैनाती का मिलेगा मौका..

शिक्षा विभाग में बना सहमति का फार्मूला, पूरे सेवाकाल में एक बार गृह जिले में तैनाती का मिलेगा मौका..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश के प्रारंभिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें अपने पूरे सेवाकाल में एक बार गृह जिले में तैनाती का मौका मिलेगा। यह निर्णय शिक्षा सचिव के साथ हुई बैठक में लिया गया है। इससे हजारों शिक्षकों को अपने घर के पास सेवा देने का अवसर मिलेगा। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनोद थापा ने कहा कि सचिवालय में शिक्षा सचिव रविनाथ रामन के साथ हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि संगठन लंबे समय से अंतरजनपदीय तबादलों की मांग कर रहा था ताकि शिक्षकों को पारिवारिक और सामाजिक संतुलन बनाए रखने में सहूलियत हो सके। थापा ने बताया कि बैठक में शिक्षा विभाग की 20 सूत्री मांगों पर विस्तृत चर्चा हुई। कई मुद्दों पर सहमति बन चुकी है, जबकि कुछ पर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन मिला है। बैठक में यह भी तय हुआ कि विद्यालयी शिक्षा में त्रिस्तरीय प्रणाली PRT, TGT और PGT को लागू किया जाएगा।

इससे शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और पदोन्नति की प्रक्रिया में एकरूपता आएगी। संगठन के अनुसार समग्र शिक्षा अभियान में कार्यरत शिक्षकों की जिम्मेदारी और अधिकार बढ़ाने के लिए निर्णय लिया गया है कि उनका आहरण वितरण अधिकारी (DDO) अब राज्य सेक्टर की तरह उप शिक्षा अधिकारी (BEO) होगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी और स्पष्टता आने की उम्मीद है। इन निर्णयों के बाद शिक्षकों में उत्साह है। लंबे समय से लंबित मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाने के लिए संगठन ने शिक्षा सचिव का आभार व्यक्त किया है। संगठन ने उम्मीद जताई कि अन्य लंबित मांगों पर भी जल्द ठोस निर्णय लिए जाएंगे।

वेतनमान की वसूली के मामले में जल्द फैसला..
वहीं प्रारंभिक शिक्षकों की तीसरी पदोन्नति स्वीकृत प्रधानाध्यापक पदों को उच्चीकृत करते हुए वरिष्ठ प्रधानाध्यापक के पद पर होगी। जबकि प्रारंभिक शिक्षा खेलकूद प्रतियोगिताओं के लिए संकुल, विकासखंड, जिले व प्रदेश स्तर पर धनराशि में बढ़ोतरी की जाएगी। बैठक में 17140 वेतनमान की वसूली के मामले में जल्द फैसला लेने, सातवें वेतनमान में चयन प्रोन्नत वेतनमान पर एक वेतनवृद्धि देने पर वित्त विभाग से परामर्श के बाद निर्णय लिया जाएगा। 2005 से पहले विज्ञप्ति वाले पुरानी पेंशन से वंचित शिक्षको को पुरानी पेंशन बहाली के लिए सरकार के स्तर से निर्णय लिया जाएगा। बैठक में संगठन के महामंत्री जगवीर खरोला, अपर सचिव एमएस सेमवाल, निदेशक अजय नौडियाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष उमेश चौहान, सुरेश प्रसाद भट्ट आदि मौजूद रहे। इन निर्णयों से प्रारंभिक शिक्षकों में उत्साह का माहौल है। लंबे समय से लंबित मांगों पर सकारात्मक रुख दिखाने के लिए संगठन ने सरकार और शिक्षा विभाग का आभार व्यक्त किया है। शिक्षकों का कहना है कि यदि ये फैसले जल्द लागू होते हैं, तो शिक्षा विभाग में स्थायित्व और मनोबल दोनों बढ़ेंगे।

 

 

 

 

 

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