स्ट्रेन वायरस बच्चों को बना सकता है अपना शिकार..
देश-विदेश: कोरोना वायरस पहले ही वैज्ञानिकों के लिए अबूझ पहेली बना हुआ था अब नए रूप ने मुश्किल और बढ़ा दी है। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन 50 से 70 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। ऐसे में बच्चों को इस स्ट्रेन से ज्यादा खतरा हो सकता है। ब्रिटेन के इंपीरियल कॉलेज लंदन के महामारी वैज्ञानिक प्रो. नील फर्गस्न का कहना है कि पहले वाले कोरोना वायरस का बच्चों पर कम प्रभाव पड़ा था। नए रूप को लेकर अब तक जो कुछ भी सामने आया है उसके अनुसार वो ज्यादा संक्रामक है।
इसलिए संभव है कि पहले वाले वायरस की तुलना में ये वायरस हर उम्र के लोगों को शिकार बनाए। वह ये भी कहते हैं, कि बच्चों में नए स्ट्रेन से संक्रमण के कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं है।लेकिन इस ओर मंथन की जरूरत है। नया स्ट्रेन मिलने के बाद बच्चों में संक्रमण होता है। तो अधिक सावधानी बरतनी होगी।
15 से कम उम्र के बच्चों में ये स्ट्रेन ज्यादा मिला..
डॉ. फर्गस्न का कहना है कि ब्रिटेन के जिन क्षेत्रों में वायरस के नए रूप वाले मामले सामने आए हैं उनमें 15 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की संख्या ज्यादा है लेकिन सही आंकड़ा क्या है इस बारे में पता नहीं चल सका है। इंपीरियल कॉलेज लंदन के वायरोलॉजिस्ट डॉ. वेंडी का कहना है कि बच्चों में वयस्कों की तुलना में एस-2 रिसेप्टर कम होते हैं। जिसके जरिए वायरस अपना जाल बिछाता है। नए और एस-2 रिसेप्टर की भूमिका पर नया अध्ययन करना होगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस का नया रूप कितना घातक और जानलेवा है ये स्पष्ट नहीं हुआ है। हां ये जरूर है कि इसे हल्के में नहीं लेना होगा क्योंकि इसके फैलने की दर ज्यादा है। डॉक्टरों ने अध्ययन में पाया है कि दक्षिण अफ्रीका वायरस में वायरस लोड अधिक है। श्वास नलिका के ऊपरी हिस्से में इसकी मौजूदगी मिली है। वायरस रोग में इस तरह की परेशानियों में गंभीर लक्षण दिखते हैं।
नए स्ट्रेन के खिलाफ भी फाइजर का टीका रहेगा प्रभावी..
फाइजर बायोएनटेक कंपनी के सीईओ उगर साहिन ने विश्वास जताया है कि ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए रूप के खिलाफ टीका काम करेगा। उन्होंने कहा कि हम अभी नहीं जानते कि हमारा टीका नए रूप के खिलाफ कैसे काम करेगा, लेकिन वैज्ञानिक स्तर पर ये जरूर कहा जा सकता है कि टीका नए रूप के खिलाफ असर करेगा।
ब्रिटेन में जो स्ट्रेन मिला है उसका प्रोटीन पुराने वायरस के स्ट्रेन से मिलता-जुलता है ऐसे में पूरा विश्वास है कि टीका इसके खिलाफ असरदार है। टीके की नए स्ट्रेन पर असर की पुष्टि तभी होगी जब इसको लेकर अध्ययन होगा। इस परीक्षण के सही आंकड़े मिलने में दो सप्ताह का वक्त लग सकता है।
