उत्तराखंड

राज्य आंदोलनकारी जगतराम सेमवाल जी का निधन –

राज्य आंदोलनकारी जगतराम सेमवाल जी का निधन –

जखोली क्षेत्र मे संघर्ष के एक युग का अंत ।

उत्तराखंड : कल दिनांक 14 अक्टूबर को 95 वर्ष की आयु मे ग्राम देवल लस्या निवासी श्री जगतराम सेमवाल का निधन होने की खबर मिली । आज 15 अक्टूबर को सूर्यप्रयाग घाट (सुमाडी) मे अत्येंष्ठि होगी ।

जनहित के लिए समर्पित इस जूझारू ब्यक्तिव को कवि केदारनाथ सिंह की पंक्तियाँ समर्पित-

मैंने उसको जब भी देखा , लड़ते देखा ।
मैंने उसको जब भी देखा , गोली जैसे चलते देखा ।

स्वर्गीय सेमवाल ग्राम पंचायत देवल लस्या के निर्विरोध प्रधान थे , तब हम बचपन मे उनके बारे मे एक किस्सा सुनते थे कि वे लखनऊ जाकर मुख्यमंत्री जी से मिले उन्होंने पेयजल योजना निर्माण की मांग का प्रस्ताव दिया, व मुख्यमंत्री दरबार मे धरने पर बैठ गये आखिरकार उनकी मांग मानी गयी , देवल ग्राम पंचायत पेयजल योजना स्वीकृत करवा लाये। यही नही 80 के दशक मे ग्राम पंचायत मे विकास कार्यों के लिए विकासखण्ड जखोली के चर्चित प्रधान थे ।

पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण के आंदोलन मे क्षेत्रीय नेताओं की परख का दौर चल रहा था । कई नेता पृथक राज्य की लड़ाई को लेकर स्पष्ट मत नही थे , कुछ इसे अलगाववादी संघर्ष मानते थे । लेकिन बौद्धिक चर्चा के बाद पर्वतीय क्षेत्र मे विकास के लिए एकमात्र विकल्प पृथक उत्तराखंड राज्य के पक्ष में आमराय बन रही थी । ऐसे दौर मे सेमवाल पृथक राज्य के स्पष्ट तौर पर पक्के समर्थक थे । पृथक राज्य के निर्माण के संघर्ष मे वर्ष 1994 एक ऐतिहासिक वर्ष रहा है , इस वर्ष मे 2 अगस्त 1994 से स्वर्गीय इन्द्रमणी बडोनी ने पौडी गढवाल से ऐतिहासिक जनान्दोलन की शुरूआत की थी , इसके पीछे कुछ हद तक जगतराम सेमवाल का आमरण अनशन ही था । राज्य आन्दोलन के इतिहास मे जगतराम सेमवाल के 14 जनवरी से 30 जनवरी 1994 तक जखोली मुख्यालय मे किए गये आमरण अनशन को उचित जगह मिलना आवश्यक है । इस के दौरान सेमवाल का आमरण अनशन के मौके पर आये स्वर्गीय बडोनी द्वारा कहा गया था कि , ” मेरे गृह क्षेत्र मे पृथक राज्य आन्दोलन की शुरुआत हो चुकी है अब यह आन्दोलन गढवाल कुमाऊँ मे फैलाना होगा । मोटे तौर पर वही अनशन स्थल पर पौडी आन्दोलन के लिए एक तैयारी हो गयी थी । जखोली के इस आन्दोलन को भारी जनसमर्थन मिला था । तब आगामी बोर्ड परीक्षा को देखते हुए आन्दोलन स्थगित किया गया था । कारण यह भी था कि रामाश्रम इण्टर काॅलेज के विद्यार्थीयों का यहाँ बड़ा समर्थन था । यानि कि पौडी आन्दोलन की शुरुआत को जगतराम सेमवाल के अनशन से बल मिला ।

जगतराम सेमवाल जी पृथक राज्य आंदोलन की लड़ाई मे , 2 अक्टूबर 94 को मुजफ्फरनगर कांड मे घायल व गिरफ्तार , कमला पंत के साथ गैरसेंण पदयात्रा , दर्जनों बार विकास खण्ड जखोली के जनमुद्दों पर अनशन – राजकीय महाविद्यालय आंदोलन , तहसील उच्चीकरण आंदोलन , पालिटेक्निक जखोली खुलवाने व आपदा घोटाले को लेकर महीनों तक धरना । कई बार संघर्षरत रहे ।
आजीवन अपनी तंगहाली व गरीबी मे रहकर जनहित को सर्वोपरि मानकर जूझते रहे । आज 95 वर्ष की उम्र मे अपना शरीर त्यागकर वे संघर्ष की तमाम यादें छोड़कर अंतिम विदाई लेकर चले गये ।

(दीपक भट्ट)
स्वर्गीय जगतराम सेमवाल अमर रहे । सादर नमन ।

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