उत्तराखंड

जब-जब धर्म की हानि होगी तब-तब भगवान जन्म लेंगेः ममगाई..

कुरछोला गांव में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन..

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली के कुरछोला गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। कथा के दौरान जैसे भगवान का जन्म हुआ तो पूरा पंडाल नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। इस दौरान लोग झूमने-नाचने लगे। भगवान श्रीकृष्ण की वेश में नन्हें बालक के दर्शन करने के लिए लोग लालायित नजर आ रहे थे। स्वर्गीय जशोदा देवी रावत की स्मृति में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का वाचन करते हुए कथावाचक आचार्य दीपक ममगाई ने कहा कि जब धरती पर चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई, चारों ओर अत्याचार, अनाचार का साम्राज्य फैल गया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने देवकी के आठवें गर्भ के रूप में जन्म लेकर कंस का संहार किया। भगवान श्रीकृष्ण ने अपने भक्तों का उद्धार व पृथ्वी को दैत्य शक्तियों से मुक्त कराने के लिए अवतार लिया था। उन्होंने कहा कि जब-जब पृथ्वी पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं।

 

कथा प्रसंग सुनाते हुए व्यास दीपक ममगाई ने बताया कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। इस मौके पर उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने कहा कि धार्मिक विचारों को जीवन में आत्मसात कर हम एक बेहतर इंसान बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि धर्म हमें सीखाता है कि व्यभिचार, हिंसा, ईष्या, क्रोध, चोरी नहीं करनी है।

 

धर्म भाई-चारा और बंधुत्व की भावना सीखाता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह उत्तराखंड क्रांति दल का कार्यकर्ता होने के नाते दल के विचार को लोगों तक पहुँचा रहे हैं। जिस दल ने उत्तराखंड राज्य बनाया, उसे कभी भी पूर्ण बहुमत नहीं मिला। जनता एकजुट होती है तो आने वाले समय में उक्रांद की सरकार प्रदेश में बन जाएगी। उन्होंने कहा कि जनता ने दस साल भाजपा और दस साल कांग्रेस को दिए हैं। उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, संचार, यातायात की सुविधा के लिए एक मौका क्षेत्रीय पार्टी को भी मिलना चाहिए।

 

सामाजिक कार्यकर्ता दीपक रावत ने कहा कि बीस अप्रैल को पितृ विसर्जन के साथ कथा का समापन हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण करने दूर-दूर से लोग पहुंच रहे हैं। इस मौके पर बच्चन सिंह रावत, बलवीर सिंह, रघुवीर सिंह, जगदीश सिंह, आचार्य अनसूया प्रसाद ममगाई,आचार्य ओमप्रकाश ममगाई, आचार्य अरुण सिल्सवाल, आचार्य अभिनय ममगाई, आचार्य अजय ममगाई, आचार्य ज्ञानानंद भट्ट सहित बड़ी संख्या में भक्त मौजूद थे।

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