उत्तराखंड

सात स्थानीय कारीगर जाएंगे केदारनाथ पत्थर तराशने

10 अप्रैल तक पूरा होना है केदारनाथ पैदल मार्ग का कार्य
रुद्रप्रयाग ! केदारनाथ मंदिर से लेकर सरस्वती नदी तक केदारनाथ पैदल मार्ग पर स्थानीय पत्थरों को उपयोग में लाया जा रहा है। कारीगर पत्थरों को तराशकर पत्थर तैयार कर रहे हैं। बीस मार्च से सात ओर कारीगर पत्थरों को तराशने के लिये केदारनाथ जाएंगे। यह कारीगर गुप्तकाशी व जयकंडी के हैं।

दरअसल, मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट को दस अप्रैल तक पूरा करने के निर्देश दिये हैं। ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत केदारनाथ मंदिर से सरस्वती नदी तक लगभग आधा किमी पैदल मार्ग को चैड़ा किया जाना है। साथ ही इस मार्ग पर स्थानीय पत्थर को लगाया जाना है। जिससे पैदल मार्ग की भव्यता अधिक बढ़ जाये और रास्ते का चैड़ीकरण होने से देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को पैदल मार्ग दूर से ही नजर जाये।

कार्यों में तेज गति लाने के लिये जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल लगातार पुनर्निर्माण कार्यांे की माॅनिटरिंग कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने क्षेत्रीय कारीगरों के साथ केदारनाथ में पत्थर तराशने के संबंध में वार्ता की है। वार्ता के दौरान गुप्तकाशी से पांच व जयकण्डी से दो कारीगर 20 मार्च से केदारनाथ में कार्य करने के लिए तैयार हो गए हंै। केदारनाथ जाने के लिए तैयार कारीगरों ने बताया कि गांव में जाकर अन्य कारीगरों से भी बात की जाएगी। यदि अन्य कारीगर भी तैयार होते हैं तो उन्हें केदारनाथ चलने के लिये कहा जायेगा। केदारनाथ यात्रा शुरू होने में अब मात्र डेढ़ माह का समय बचा है। डेढ़ माह के भीतर केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही अन्य यात्रा व्यवस्थाओं को भी जुटाया जाना है। जिलाधिकारी ने तैयार कारीगरों को कार्य के लिये प्रयुक्त औजार, मशीन की सूची तत्काल जिला कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है।

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