टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी आईटीबीपी को दी जाएगी..
उत्तराखंड : सीमा पर मुस्तैद रहने वाली भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) आपदा के हालात में बचाव और लोगों की सेवा में भी जुटी रहती है। देश की सीमाओं की रक्षा और सेवा करने वाला यह बल अब साहसिक खेलों की अकादमी (Adventure Sports Academy) का संचालन भी करेगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि टिहरी झील में साहसिक गतिविधियों के संचालन की जिम्मेदारी आईटीबीपी को दी जाएगी। देश में साहसिक खेलों के इतिहास में एक अध्याय आज तब जुड़ गया जब भारत तिब्बत सीमा पुलिस और उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड ने टिहरी झील में स्थापित साहसिक खेल अकादमी के संचालन के लिए 20 साल का एमओयू साइन किया।
सीमाद्वार स्थित आईटीबीपी फ्रंटियर मुख्यालय में गंगोत्री -2 व शिखर पर्वतारोहण अभियान गश्त-2020 फ्लैग इन समारोह में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जवानों को सम्मानित करने पहुंचे। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री ने पर्वतारोहण अभियान में दूसरे दल का नेतृत्व करने वाली उपमहानिदेशक अपर्णा कुमार को सम्मानित किया।
आईटीबीपी अधिकारियों ने बताया कि आईटीबीपी की नौ सदस्य टीम ने गंगोत्री-2 शिखर (21,615 फीट) पर तिरंगा फहराया। अब तक 214 से ज्यादा पर्वतारोहण अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है। यह इस पर्वतारोही बल का विशेष रिकॉर्ड है।
देश में वाटर स्पोर्ट्स को एक नया आयाम मिलने की संभावना है जबकि विशाल टिहरी झील में अब विश्व स्तरीय जल क्रीड़ा प्रशिक्षण का कार्य और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिलेगा. इस समझौते से आईटीबीपी के साहसिक खेलों के अनुभव का लाभ देश के साहसिक पर्यटन को मिलेगा. साथ ही इस झील में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्य पुलिस बलों के जवानों की व्यापक ट्रेनिंग हो सकेगी। इस संस्था के माध्यम से स्थानीय युवाओं को भी वाटर स्पोर्ट्स की ट्रेनिंग संभव हो सकेगी।
टिहरी झील में अनेक वाटर स्पोर्ट्स जैसे कयाकिंग, कैनोइंग, रोइंग, सेलिंग, पैरासेलिंग, पैराग्लाइडिंग आदि साहसिक खेलों को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही वाटर रेस्क्यू और लाइफ सेविंग कोर्स का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।