मोहरा बने छात्रों को पुलिस ने भेजा जेल
बेगुनाह छात्रों के भविष्य के साथ न करें खिलवाड़
जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को भेजा ज्ञापन
रुद्रप्रयाग। अगस्त्मुनि में घटित घटना के लिए छात्र दोषी नहीं है, जिन लोगों ने इस घटना को सांप्रदायिक का रूप दिया वे अभी भी पुलिस की हिरासत से दूर हैं। पुलिस की ओर से जिन छात्रों को पकड़ा गया है, वे सिर्फ मोहरा मात्र हैं। खेल के असली खिलाड़ी अपने मंशूबों को पूरा करके निकल गये हैं। पुलिस प्रशासन को ऐसे लोगों की धरपकड़ करनी चाहिए। ऐसा नहीं कि भीड़ के शिकार हुए छात्रों को हिरासत में लेकर जेल भेजा जाय।
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल एवं पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद नारायण मीणा को भेजे ज्ञापन में भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मदन सिंह रावत ने कहा कि विगत छः अप्रैल को अगस्त्यमुनि में हुई घटना से देश में गलत संदेश गया है, जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया और सांप्रदायिकता का रूप दिया, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। इस प्रकरण में कुछ बेकसूर लोगों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है, जबकि जो असल में गुनहगार हैं वे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। पुलिस और जिला प्रशासन को सरकार की नीति पर काम करना चाहिए। ऐसा नहीं कि भोले-भाले मासूम छात्रों को सलाखों के पीछे धकेला जाय। जिन लोगों ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया और देश और प्रदेश का नाम बदनाम किया, वे अभी भी बाहर घूम रहे हैं।
इस घटना को सांप्रदायिकता का रूप देना, स्कूली छात्रों का काम नहीं हो सकता है। जिन छात्रों पर दंगा करने और आगजनी की घटना को अंजाम देने के आरोप लगे हैं, वे असल में सिर्फ मोहरा मात्र हैं। गलत मानसिकता रखने वाले व्यक्तियों को पकड़ा जाना जरूरी है। पुलिस प्रशासन को पूरे मामले की सही से जांच पड़ताल करनी चाहिए और जो छात्र सलाखों के पीछे हैं, उन्हंे छोड़ा जाना चाहिए। अन्यथा छात्रों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा। उन्होंने निवेदन किया कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले लोगों की सभी प्रकार से जांच की जाय। उनके फोटो पहचान पत्र और आधार कार्ड लिये जांय। पहले पुलिस उनका बेरिफिकेशन करे, तभी जाकर उन्हें कार्य करने की अनुमति दी जाय। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें दोषमुक्त किया जाय और असल दोषियों को हिरासत में लेते हुए जेल भेजा जाय।
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