उत्तराखंड

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तेज़ी से बढ़ रहा रेल नेटवर्क, गढ़वाल-कुमाऊं को जोड़ने की तैयारी..

उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में तेज़ी से बढ़ रहा रेल नेटवर्क, गढ़वाल-कुमाऊं को जोड़ने की तैयारी..

 

 

 

उत्तराखंड: कुमाऊं क्षेत्र में बहुप्रतीक्षित टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना को धरातल पर उतारने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना पर कार्य शुरू करने के लिए राज्य सरकार से औपचारिक सहमति पत्र भेजने को कहा है। राज्य सरकार जल्द ही इस दिशा में जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर केंद्र को सहमति पत्र भेजने जा रही है। करीब 170 किलोमीटर लंबी इस प्रस्तावित रेल लाइन को कुमाऊं के लिए गेम चेंजर प्रोजेक्ट माना जा रहा है। परियोजना का फाइनल सर्वे कार्य पहले ही पूर्ण हो चुका है, और अब इसके अगले चरण में राज्य सरकार की भूमिका अहम मानी जा रही है। सीएम धामी ने इस संबंध में मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि सभी आवश्यक कार्यवाही शीघ्र पूरी की जाए, ताकि परियोजना को जल्द धरातल पर लाया जा सके। केंद्र की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि राज्य की औपचारिक सहमति के बाद ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन के शुरू होने से कुमाऊं क्षेत्र में रेल संपर्क का विस्तार, पर्यटन और व्यापार को नई उड़ान मिलने की उम्मीद है। यह परियोजना लंबे समय से क्षेत्रीय जनता की मांग रही है और अब इसके मूर्त रूप लेने की प्रक्रिया ने तेजी पकड़ ली है।

कर्णप्रयाग रेल लाइन 2026 तक तैयार होगी..

उत्तराखंड के दुर्गम पर्वतीय जिलों को रेल मार्ग से जोड़ने की दिशा में काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। राज्य में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर युद्धस्तर पर निर्माण कार्य चल रहा है, जिसे सामरिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस परियोजना को 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।इसी क्रम में अब टनकपुर-बागेश्वर रेललाइन के निर्माण की दिशा में भी ठोस पहल हो रही है। इस लाइन के बन जाने के बाद, भविष्य में कर्णप्रयाग-बागेश्वर रेलमार्ग के माध्यम से दो प्रमुख पर्वतीय नगरों को जोड़ने की संभावना बढ़ जाएगी। इससे गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सीधा रेल संपर्क स्थापित किया जा सकेगा, जो न केवल आवागमन को आसान बनाएगा बल्कि पर्यटन, व्यापार और सामरिक पहुंच के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद होगा। राज्य सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त कोशिशों से उत्तराखंड में रेल बुनियादी ढांचे का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे पर्वतीय क्षेत्र विकास की नई रफ्तार पकड़ सकते हैं।

राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर रेलवे लाइनों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर रही है। इन परियोजनाओं से प्रदेश में रेल कनेक्टिविटी का नया युग शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है। देहरादून-सहारनपुर रेल लाइन, जो लगभग 81 किलोमीटर लंबी होगी, प्रसिद्ध शाकुंभरी देवी मंदिर मार्ग से होकर गुजरेगी और देहरादून के हर्रावाला रेलवे स्टेशन तक पहुंचेगी। इस परियोजना में लगभग 11 किलोमीटर लंबी सुरंग भी प्रस्तावित है, जो इसे इंजीनियरिंग की दृष्टि से भी चुनौतीपूर्ण और महत्वपूर्ण बनाती है। वहीं बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन पर काम शुरू करने के लिए आवश्यक औपचारिकताएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। इसके साथ ही ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजना की डीपीआर भी अंतिम चरण में है, जिसे सामरिक और पर्यटक दृष्टिकोण से बेहद अहम माना जा रहा है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में रेल नेटवर्क के विस्तार को रणनीतिक और विकास की दृष्टि से प्राथमिकता में रखा है। इन परियोजनाओं के पूरा होने से न केवल प्रदेश के पर्वतीय इलाकों की कनेक्टिविटी सुधरेगी, बल्कि पर्यटन, व्यापार और आपदा प्रबंधन में भी उल्लेखनीय सुधार होगा।

 

 

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