उत्तराखंड

स्वयंसेवियों ने बंजर भूमि में किया पौधों का रोपण…

राबाइंका रुद्रप्रयाग की स्वयंसेवियों ने पर्यावरण को किया सुसज्जित… 

नेहरू युवा केन्द्र के स्वयंसेवकों ने विभिन्न गांवों में जाकर मनाया हरेला पर्व… 

रुद्रप्रयाग। हरेला महोत्सव के तहत राजकीय बालिका इंटर काॅलेज रुद्रप्रयाग की स्वयंसवियों ने सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुए वृक्षों का रोपण किया। कार्यक्रम अधिकारी अंजू ने बिष्ट के नेतृत्व में छात्राओं ने बंजर भूमि, पुष्प वाटिका में फलदार, छायादार, सजावटी व औषधीय पादपों का रोपण कर पर्यावरण को सुसज्जित किया।

कार्यक्रम अधिकारी अंजू बिष्ट ने कहा कि लाॅक डाउन को ध्यान में रखते हुए स्वयंसेवियों ने विभिन्न जगहों पर हरेला पर्व मनाया। कहा कि बरसात के समय पौधों का रोपण किया जाना जरूरी है। स्वयंसेवियों ने बंजर भूमि में भी पौधों का रोपण किया, जिससे वहां भी हरियाली आ सके और पर्यावरण संतुलन बना रहे। उन्होंने स्वयंसेवियों से कहा कि जिन पौधों को वे लगा रही हैं, उनके संरक्षण का भी संकल्प लें, जिससे भविष्य में पौंधों को कोई नुकसान न पहुंचे।

वहीं दूसरी ओर नेहरू युवा केन्द्र के तत्वाधान में हरेला दिवस के अवसर पर अगस्त्यमुनि, जखोली एवं ऊखीमठ विकासखण्ड के राष्ट्रीय स्वयं सेवकों ने विभिन्न गांवों में पौधरोपण कार्यक्रम का आयोजन किया। नगर क्षेत्र के भाणाधार व गुलाबराय में जिला युवा समन्वयक राहुल डबराल, कविता जुगरान, यूथ कलब अध्यक्ष सुमित, राष्ट्रीय स्वयं सेवक अभिलाषा, बबीता ने वृक्षारोपण किया।

स्वयं सेवक अनूप सेमवाल ने राजकीय इंटर कालेज त्रियुगीनारायण एवं महिला मंगल दल के सदस्यों के साथ मिलकर पौधरोपण कार्यक्रम किया। कार्यक्रम में महिला मंगल दल की अध्यक्ष अनीता देवी, त्रियुगीनारायण के संरपंच सचिदानंद पंचपुरी, उपप्रधान विश्वेश्ररी देवी, भाजपा युवा मोर्चा के मीडिया प्रभारी रजनीश गैरोला, आशीष गैरोला एवं गांव के अन्य लोग मौजूद थे।

इसके साथ ही विपिन, ताजबर, गोपाल, चन्द्रकान्त तथा युवा मण्डल पुनाड़ के सदस्यों विपुल पंवार, रोशनी देवी, युवा मण्डल बौंठा के सदस्य किरन कप्रवान, धु्रव, श्रेय, सृष्टी, रिया, युवा मण्डल अमसारी में विवेक ने अपने-अपने गांवों में भी पौधारोपण किया। नेहरू युवा केद्र रुद्रप्रयाग के जिला युवा समन्वयक राहुल डबराल ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि हमारे जीवन में वृक्षों की उपयोगिता का बहुत महत्व है।

जिस प्रकार से हमारे पूर्वजों द्वारा अनेक प्रकार के फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाये गये, जिनका उपयोग हम वर्तमान समय में शुद्ध वायु शुद्ध जल के रूप में कर रहे हैं। हमारा भी कर्तत्व बनता है कि हम वृक्षों को लगाकर अपने दायित्वों को पुरा करें, ताकि आने वाली पीढ़ी भी उसका उपयोग कर सके।

इस अवसर पर अधिक से अधिक वृक्षों को लगाने और समय-समय पर लगाये गये वृक्षांे की देखभाल की शपथ ली गयी। वृक्षारोपण कार्यक्रम में आम, नींबू, माल्टा, अनार, अमरूद, कागजी, अंगूर, लीची, पपीता, बांस, रिंगार, देवदार, जैसे आदि के वृक्ष लगाये गये।

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