उत्तराखंड

बैरांगना-कमोल्डी और पिपली-मोल्खाखाल मोटरमार्ग को आपस में जोड़ने की मांग..

दोनों मोटरमार्गों के आपस में जुड़ने से बच्छणस्यंू क्षेत्र के हजारों लोगों को मिलेगा लाभ..

बैरांगना-कमोल्डी मोटरमार्ग निर्माण से प्रभावित काश्तकारों ने की मुआवजा देने की मांग..

रुद्रप्रयाग। जनपद के अंतर्गत बच्छणस्यंू क्षेत्र के कई गांवों की हजारों की आबादी को जोड़ने वाले बैरांगना-कमोल्डी मोटरमार्ग की स्थिति बेहद ही दयनीय बनी हुई है। मार्ग पर पडे गढड़ों के कारण कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा जैंटा गांव से आगे मोटरमार्ग का डामरीकरण नहीं हो पाया है। जबकि बैंरागना-कमोल्डी मोटरमार्ग के पिपली-मोल्खाखाल मोटरमार्ग से न जुड़ने के कारण कई गांवों के ग्रामीणों को कई किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। ग्रामीण लंबे समय से दोनों मोटरमार्गों को आपस में जोड़ने की मांग कर रहे हैं, लेकिन विभागीय लापरवाही के कारण मात्र दो सौ मीटर कटिंग का कार्य शेष बचा हुआ है। अगर यह दो सौ मीटर कटिंग का कार्य पूर्ण हो जाता है तो दोनों सड़के आपस में जुड़ जाएंगी और बच्छणस्यूं पटटी के एक दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों को इसका लाभ मिलेगा।

बता दें कि बच्णस्यंू क्षेत्र के दर्जनों गांवों को जोड़ने के लिये खांखरा-खिर्सू मोटरमार्ग से बैंरागना-कमोल्डी-पाटा मोटरमार्ग का निर्माण किया गया है, लेकिन यह मोटरमार्ग जर्जर हालात में है। मात्र चार से पांच किमी तक ही मोटरमार्ग का डामरीकरण किया गया है। जो डामर किया भी गया है, वह पूरी तरह से उखड़ गया है। इस मोटरमार्ग से कठैत गांव, सिन्दवाल गांव, बैंरांगना, आंख, जैंटा, कमोल्डी, पाटा, महड़गांव सहित अन्य गांवों के ग्रामीण आवाजाही करते हैं। इस मोटरमार्ग को पिपली-मोल्खाखाल मोटरमार्ग से मिलना है, लेकिन लोक निर्माण विभाग की लापरवाही के कारण मोटरमार्ग अभी तक आपस में नीं मिल पाये हैं। दोनों मोटरमार्गों को आपस में मिलने के लिये मात्र दो सौ मीटर की कटिंग होनी है। अगर दोनों मोटरमार्ग आपस में मिल जाते हैं तो डुंगरा, बामसू, धारकोट, संकरोड़ी, झुंडोली, बगणगांव, भराणसैंण सहित अन्य गांवों के ग्रामीणों को लाभ मिलेगा। ग्रामीणों को आवाजाही करने में जहां कम किराया लगेगा, वहीं समय की भी बचत होगी। बैरांगना-कमोल्डी मोटरमार्ग निर्माण के दौरान प्रभावित काश्तकारों को अभी तक खेती का मुआवजा भी नहीं मिल पाया है। जिस कारण ग्रामीणों में आक्रोश बना हुआ है। मुआवजे को लेकर ग्रामीण कई बार लोनिवि को भी अवगत करा चुके हैं, लेकिन विभागीय ओर से भी कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है।

क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य नरेन्द्र सिंह बिष्ट ने कहा कि बैरांगना-कमोल्डी और पिपली-मोल्खाखा मोटरमार्ग का आपस में जुड़ना बेहद जरूरी है। दोनों मोटरमार्गों के आपस में जुड़ने से दर्जनों गांवों की जनता को इसका लाभ मिलेगा। बैरांगना-कमोल्डी मोटरमार्ग जनपद मुख्यालय तक आने वाले सरल एवं सार्टकट मोटरमार्ग है। दोनों मोटरमार्गों के आपस में जुड़ने वाले क्षेत्र के ऊपरी गांवों की जनता को भी इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि मोटरमार्ग निर्माण से जो भी ग्रामीण प्रभावित हुये हैं, उनका मुआवजा भी अभी तक उन्हें नहीं मिल पाया है। जबकि ग्रामीण रजनी देवी की गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई थी, लेकिन गौशाला का भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। उन्होंने कहा कि विभाग को ग्रामीणों को मुआवजा देते हुये शीघ्र ही जनता के हित में दोनों मोटरमार्गों को आपस में जोड़ना चाहिये। लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता इन्द्रजीत बोस ने कहा कि ग्रामीणांे को मुआवजा देने के लिये प्रस्ताव तैयार है। गौशाला का भी प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा दिया जायेगा। साथ ही दोनों मोटरमार्गों को आपस में जोड़ने के लिये विभागीय स्तर से कार्यवाही जारी है।

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