उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग और अगस्त्यमुनि में लिये गये पानी के नमूने जांच में फेल

दोनों नगरों में गंदा पानी हो रहा सप्लाई
दूषित पानी पीने के कारण बीमार हो रहे लोग
स्वास्थ्य विभाग ने लिये थे पीने के पानी के सैंपल

रोहित डिमरी 

रुद्रप्रयाग। रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र के साथ ही अगस्त्यमुनि क्षेत्र का पानी पीने योग्य नहीं है। अगस्त्यमुनि क्षेत्र में इन दिनों दूषित पानी की आपूर्ति हो रही है और लोग इस पानी को पीकर बीमार हो रहा है। अगस्त्यमुनि में सप्लाई होने वाले पानी के दोनों सैंपल फेल हो गये हैं, जो कि गंभीर चिंता का विषय है। वहीं रुद्रप्रयाग नगर में टैंक और नलों से से लिये गये कुछ सैंपल भी फेल हो गये हैं। ऐसे में जनता को पीने वाले पानी के प्रति सचेत रहने की आवश्यक है।

बरसात के सीजन में दूषित पानी की आपूर्ति शुरू हो जाती है। जिस कारण जनता कई बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं कुछ दिनों पूर्व सांसद आदर्श गांव देवली भणिग्राम में भी बच्चे एवं महिलाएं बीमारी की चपेट में आये थे, जो कि पीने के पानी से हुई थी। इसी तरह से अन्य क्षेत्रों में भी लोग दूषित पानी पीने से अनेक बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। पानी के कारण बीमारियां फैलने से चिकित्सालयों में भी मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। इन दिनों जिला चिकित्सालय में अधिकांश मरीज डायरिया से पीड़ित पहुंच रहे हैं। अधिकांश मरीज दूषित पानी पीने से बीमार हो रहे हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने अगस्त्यमुनि में दो स्त्रोतों से सप्लाई होने वाले पानी के दो नमूने लिये थे। जो कि जांच में फेल हो गये हैं। दोनों की जांच में निकला है कि अगस्त्यमुनि में सप्लाई होने वाला पानी पीने योग्य नहीं है। ऐसे में जनता की दिक्कतें बढ़ गई हैं। अगस्त्यमुनि क्षेत्र की जनता इन दिनों दूषित पानी पी रही है। जो कि एक गंभीर विषय है। क्षेत्र की जनता को पीने के पानी पर विशेष ध्यान देना होगा। वहीं दूसरी ओर रुद्रप्रयाग नगर में पेयजल टैंकों और नलों से लिये गये सात सैंपलों में से दो नमूने पूरी तरह से फेल हो गये हैं। जबकि पांच अन्य सैंपलों की जांच में भी कुछ कमियां पाई गई हैं। कुल मिलाकर अभी तक जो स्थिति सामने आ रही है, उसमें यही निकल रहा है कि जिस पानी को हम पीते हैं, वह दूषित पानी है।
वहीं जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि अगस्त्यमुनि और रुद्रप्रयाग में संचालित होने वाले पानी के लिये कुछ सैंपल लिये गये थे। अगस्त्यमुनि के लिये गये दोनों सैंपल जांच में फैल हो गये हैं। जबकि रुद्रप्रयाग में टैंक और नलों से लिये गये सात सैंपलों में से दो सैंपल फेल हो गये हैं। अन्य क्षेत्र से लिये गये सैंपलों की जांच रिपोर्ट आनी बाकी है। उन्होंने कहा कि बरसाती मौसम में दूषित पानी की आपूर्ति होती है। ऐसे में पानी को उबाल कर पीना चाहिये। साथ ही पानी का अच्छा से फिल्टरेशन होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि अधिकांश बीमारियां पानी से फैल रही हैं।

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