उत्तराखंड

महिलाओं को समझाने आये अधिकारी दबे पांव भागे

चन्द्रनगर में शराब की दुकान के विरोध में महिलाओं का धरना जारी
आबकारी अधिकारियों को करना पड़ा महिलाओं के आक्रोश का सामना
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ विधानसभा के चन्द्रनगर क्षेत्र में शराब की दुकान के विरोध में महिलाओं का आंदोलन 16वें दिन भी जारी रहा। महिलाओं को समझाने आये आबकारी विभाग के अधिकारियों को भी महिलाओं के आक्रोश का सामना करना पड़ा। महिलाओं ने अधिकारियों का घेराव करते हुए साफ शब्दों में कहा कि क्षेत्र में किसी भी कीमत पर शराब की दुकान को नहीं खुलने दिया जायेगा, चाहे इसके लिए महिलाओं को आत्मदाह ही क्यों न करना पड़े।

दरअसल, इस वर्ष चन्द्रापुरी में शराब की दुकान खोलने को लेकर शासन से स्वीकृति मिली है। स्वीकृति मिलने के बाद शराब संचालक जैसे ही दुकान खोलने के लिए दुकान में रंग-रौबन करने लगे, उसके बाद से ही महिलाओं का आक्रोश भड़क गया। महिलाओं ने शराब की दुकान का विरोध करना शुरू कर दिया। 16 दिनों से चन्द्रनगर क्षेत्र की महिलाएं शराब की दुकान के विरोध में आंदोलन कर रही हैं। महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि क्षेत्र में शराब की दुकान खुलने से बच्चों का भविष्य बर्बाद हो जायेगा और महिलाओं का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जायेगा। शराब की दुकान के वजाय सरकार को रोजगार के प्रयास करने चाहिए। बुधवार को आंदोलित महिलाओं को समझाने पहुंचे आबकारी विभाग के अधिकारियों का महिलाओं ने घेराव किया और जमकर खरी-खोटी सुनाई।

महिलाओं के आक्रोश को देखते हुए आबकारी विभाग के अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये। उन्होंने महिलाओं को काफी समझाने का प्रयास किया, मगर आक्रोशित महिलाओं ने अधिकारियों की एक न सुनी। आक्रोशित महिलाओं ने कहा कि क्षेत्र शराब की दुकान के साथ ही मोबाइल वेन के जरिये शराब बेचे जाने का भी विरोध किया जायेगा। यदि आबकारी विभाग ने जमकर शराब की दुकान खोलने व मोबाइल वेन का प्रयोग किया तो महिलाएं हथियार उठाने को भी विवश हो जायेंगी। वहीं आबकारी निरीक्षक आंेमकार सिंह ने कहा कि चन्द्रनगर में शराब की दुकान को लेकर आंदोलित महिलाओं को समझाने का प्रयास किया गया। महिलाएं सुनने को ही तैयार नहीं हैं। चन्द्रनगर के अलावा अन्य क्षेत्र में शराब की दुकान खोलने के प्रयास किये जायेंगे, जिससे ग्रामीणों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए शासन को रिपोर्ट भेजी जायेगी। इस मौके पर ग्रामीण लीला देवी, सुमिता देवी, सुनीता देवी, किरन देवी, सांवरी देवी, गीता देवी, मुन्नी देवी, गोदाम्बरी देवी, सोनी देवी, पूनम देवी, चन्द्रा देवी सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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