उत्तराखंड

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से लाभार्थी को हर महीने मिलेंगे तीन हजार रुपये,पढ़िए पूरी खबर..

मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना से लाभार्थी को हर महीने मिलेंगे तीन हजार रुपये,पढ़िए पूरी खबर..

उत्तराखंड: कोरोना या किसी अन्य बीमारी से जिन बच्चों के माता- पिता का देहांत हो चुका है। उन बच्चों को मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत प्रत्येक चयनित लाभार्थी को प्रति माह तीन हजार रुपये आर्थिक सहायता दी जाएगी। लाभार्थी की आयु 21 वर्ष से कम होनी चाहिए। योजना के तहत एक मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 की अवधि में कोरोना या अन्य बीमारी से माता- पिता दोनों की मृत्यु होना, माता- पिता में से किसी एक की कोरोना से मृत्यु होना, बच्चे के माता-पिता की पूर्व में मृत्यु हो चुकी हो व उसके संरक्षक की भी मृत्यु हो गई हो।

 

ऐसे बच्चे इस योजना के पात्र हो सकते हैं। इसके लिए लाभार्थी के पास उत्तराखंड का स्थायी निवास प्रमाणपत्र, मृत्यु प्रमाणपत्र, जन्म तिथि का प्रमाणपत्र, आधार कार्ड, 18 वर्ष से कम का संयुक्त खाता और अधिक का एकल खाता होना चाहिए। आवेदन पत्र महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की वेबसाइट www. wecd.uk.gov.in व उपजिलाधिकारी तहसीलदार व जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय में उपलब्ध हैं।

 

हरिद्वार में कोविड काल में अनाथ हुए बच्चों की रिपोर्ट जिला प्रशासन की ओर से तहसीलवार मांगी गई है। लेखपालों को तत्काल प्रभाव से रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है ताकि पात्रों को योजना का लाभ जल्द दिलाया जा सके। कोरोना संक्रमण और अन्य किसी बीमारी के चलते माता-पिता की मौत होने के कारण हुए अनाथ बच्चों को बालिग होने तक सरकार की ओर से शुरू की गई मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत परवरिश की जानी है।

 

माता-पिता दोनों की मौत होने, दोनों में से किसी एक की मौत होने या फिर बच्चे के संरक्षक की मौत होने पर अनाथ हुए बच्चे को योजना का लाभ दिया जाना है, लेकिन घोषणा के बाद भी तक अधिकारियों के पास शासनादेश नहीं पहुंचा था। इससे प्रशासन की ओर से अनाथ हुए बच्चों का चिन्हीकरण नहीं किया जा रहा था।

 

अब शासनादेश आने पर जिलाधिकारी सी रवि शंकर के निर्देश पर तहसील प्रशासन की ओर से कोरोना काल में अनाथ बच्चों को चिह्नित करना शुरू कर दिया गया है। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने तीन दिन के भीतर सभी तहसीलों से अनाथ बच्चों की सूची मांगी है। इसमें एक मार्च 2020 से अब तक अपने माता-पिता या इनमें से एक अथवा संरक्षक को गंवाने वाले बच्चों के नाम आदि की जानकारी मांगी गई है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top