कालीमठ-बगवान मोटरमार्ग कटिंग के दौरान हो रहे हादसे
मौके पर न ठेकेदार ना अभियंता हैं मौजूद
बजट ठिकाने लगाने के चक्कर में नदी में डाला जा रहा मलबा और बोल्डर
रुद्रप्रयाग। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन कालीमठ-जग्गी-बागवान मोटरमार्ग का कार्य ग्रामीण जनता के लिए परेशानी का सबब बन गया है। निर्माण स्थल पर ना ठेकेदार मौजूद रहता है और ना ही जिम्मेदार अभियंता। जिसका खामियाजा शनिवार को वाहन चालक मैक्स चालक को भुगतना पड़ा। ऊपर से अचानक गिरे पत्थर के कारण वाहन क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि चालक सहित अन्य सवारियां बाल-बाल बची।
दरअसल, इन दिनों प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन कालीमठ-जग्गी-वागवान मोटरमार्ग का कार्य चल रहा है। मोटरमार्ग के कार्य में अनियमिताएं बरते जाने से ग्रामीणों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। मौके पर ना ही अभियंता मौजूद रहते हैं और ना ही ठेकेदार। ऐसे में सड़क कटिंग में लगे मजदूर अपनी मनमर्जी करने में उतारू हैं। सड़क का मलबा काली गंगा में सीधे प्रवाहित किया जा रहा है। ठेकेदार की ओर से कहीं पर भी डंपिंग जोन नहीं बनाया गया है। जगह-जगह सड़क का मलबा डाला जा रहा है, जिससे आवागमन करने वाले लोगों को भी खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। मोटर मार्ग की कटिंग से निकले मलबे और बोल्डरों को मनमर्जी के मुताबिक चट्टानों और नदी मंे फैंका जा रहा है। इतना ही नहीं गुप्तकाशी- कालीमठ मोटरमार्ग के किनारे कुछ माह पूर्व लोनिवि द्वारा लगवाई गई लोहे की मजबूत सुरक्षा रेंलिंगों को भी जगह-जगह क्षतिग्रस्त किया गया है, जिस कारण लोनिवि को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। पीएमजीएसवाई की ओर से चार करोड़ की भारी भरकम धनराशि से मार्ग का निर्माण किया जा रहा है। मोटरमार्ग का अधिकतम भाग गुप्तकाशी-कालीमठ मोटरमार्ग के लगभग सौ मीटर दूर है। निर्माण कार्य में प्रयुक्त मशीनें चट्टान को काटने का काम कर रही है, लेकिन यह मलबा तथा बोल्डर गुप्तकाशी-कालीमठ मोटरमार्ग पर आ रहा हैे।
मोटरमार्ग की कटिंग और मलबे को हटाने में लगभग डेढ़ से दो घंटे के करीब लग रहा है। इस दौरान अपने-अपने गन्तव्यों को पहुंचने में लोगों को दिक्कतें आ रही हैं। सिद्धपीठ कालीमठ में आजकल चैत्र मास के नवरात्रे चल रहे हैं। भक्त दूर-दराज से मां काली के दर पर मत्था टेकने पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर लग रहे लम्बे जाम और मोटर मार्ग के बाधित होने से कई भक्त वापस लौट रहे हैं। वहीं विभाग और ठेकेदार बजट को ठिकाने लगाने के लिये मलबे और बोल्डरों को मंदाकिनी नदी या फिर चट्टानों में फैंक रहे हैं। जिस कारण नदी भी प्रदूषित हो रही है, इसके साथ ही कई पेड़ भी क्षतिग्रस्त हो गये हैं। मानक के अनुसार इस मलबे को डंपिंग जोन में डालना था। विभाग के अधिशासी अभियंता आरसी उनियाल का कहना है कि ठेकेदार को लिखित रूप से मार्ग को खोलने और बंद किये जाने के बावत पत्र प्रेषित किया गया है। उन्हांेने कहा कि डम्ंिपंग जोन ठेकेदार द्वारा बनाया जाना था। यदि नहीं बनाया गया है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई अमल में लायी जायेगी।