राजकीय मेडिकल कॉलेजों में बड़ी नियुक्ति, 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को मिले नियुक्ति पत्र..
उत्तराखंड: सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति पत्र वितरित किए। इस अवसर पर सीएम ने नव नियुक्त प्रोफेसरों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। सीएम ने कहा कि यह नियुक्ति चिकित्सा के क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने नव नियुक्त प्रोफेसरों से आग्रह किया कि वे न केवल छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करें, बल्कि उनमें संवेदनशीलता, सहानुभूति और सेवा की भावना भी विकसित करें। सीएम धामी ने कहा कि इससे छात्र केवल कुशल और दक्ष चिकित्सक ही नहीं बनेंगे, बल्कि वे समाज के प्रति अपने कर्तव्यों और मानवता के प्रति अपने उत्तरदायित्व को पूरी ईमानदारी के साथ निभाने में सक्षम होंगे। इस मौके पर चिकित्सकीय शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता और नैतिक मूल्यों के महत्व पर भी जोर दिया गया, ताकि राज्य के मेडिकल कॉलेजों से प्रशिक्षित होने वाले चिकित्सक समाज और मरीजों के प्रति समर्पित और जिम्मेदार बनें।
सीएम धामी ने राज्य के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए अहम कदम उठाते हुए 142 असिस्टेंट प्रोफेसरों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 356 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया भी गतिमान है। स्वास्थ्य विभाग में केवल प्रोफेसरों तक ही नहीं, बल्कि 1248 नर्सिंग अधिकारियों और 170 तकनीशियनों को भी नियुक्तियां प्रदान की गई हैं और करीब 600 नर्सिंग अधिकारियों की चयन प्रक्रिया भी सक्रिय है। कहा कि पहले प्रदेश में सरकारी भर्तियों में भारी पक्षपात, धांधली और भ्रष्टाचार हुआ करता था।
लेकिन वर्तमान सरकार ने देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू कर सभी चयन प्रक्रियाओं को मेरिट आधारित और पारदर्शी बनाया है। इसके परिणामस्वरूप अब योग्य उम्मीदवारों को उनके कौशल और परिश्रम का पूरा लाभ मिल रहा है। सीएम ने कहा कि अब तक प्रदेश के लगभग 27 हजार युवा सरकारी नौकरी पाने में सफल हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी पद रिक्त हैं, उन्हें जल्द से जल्द आयोग के माध्यम से भरा जाएगा, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं में कोई कमी न रहे और नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सके। सीएम ने सभी नव नियुक्त कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और प्रशिक्षण दें, बल्कि अपने काम में सहानुभूति, सेवा और मानवता का भाव भी बनाए रखें, ताकि राज्य के स्वास्थ्य तंत्र को और सशक्त बनाया जा सके।