राज्य स्थापना की रजत जयंती पर उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव..
एआई समेत नए विषय होंगे पाठ्यक्रम का हिस्सा..
उत्तराखंड: उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती पर उच्च शिक्षा विभाग ने बड़ा कदम उठाया है। प्रदेश के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) सहित कई नए विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। विभाग ने इसके लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है, जो आने वाले शैक्षणिक सत्र से लागू किया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार एआई को शिक्षा का हिस्सा बनाना समय की आवश्यकता है, क्योंकि भविष्य के लगभग हर क्षेत्र में इसकी भूमिका अहम होगी। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, अनुसंधान, उद्योग और प्रशासन जैसे क्षेत्रों में एआई तकनीक तेजी से बदलाव ला रही है। संयुक्त निदेशक आनंद सिंह उनियाल ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी और सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं को एआई की बेसिक जानकारी दी जाएगी, ताकि वे भविष्य की डिजिटल दुनिया के अनुरूप खुद को तैयार कर सकें।
उन्होंने कहा कि विभाग का उद्देश्य युवाओं को केवल डिग्री नहीं, बल्कि 21वीं सदी की तकनीकी क्षमताओं से भी लैस करना है। इसके साथ ही भारतीय ज्ञान प्रणाली के अंतर्गत दर्शन, विज्ञान, गणित, कला, साहित्य और आयुर्वेद जैसे विषयों को भी नए पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। जिसका उद्देश्य छात्रों को नैतिक और समग्र शिक्षा प्रदान करना है। आयुर्वेद को पाठ्यक्रम में शामिल कर छात्रों को प्राथमिक इलाज खान-पान, रहन-सहन आदि के बारे में बताया जाएगा। आयुर्वेद न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान केंद्रित करता है। उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक उच्च शिक्षण संस्थानों का अकादमिक एवं शैक्षणिक वातावरण उत्कृष्ट बनाने के लिए हर जिले के एक महाविद्यालय में वर्चुअल लैब स्थापित की जाएगी। इससे छात्रों को न केवल आधुनिक शिक्षा बल्कि भारतीय परंपराओं और वैदिक ज्ञान की गहराई से भी परिचय मिलेगा। विभाग के अनुसार यह पहल शिक्षा में परंपरा और तकनीक का संतुलन स्थापित करेगी। नई नीति के तहत कॉलेजों में विशेष वर्कशॉप, सेमिनार और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि अध्यापक और विद्यार्थी दोनों इस बदलाव के लिए तैयार रहें। राज्य सरकार का मानना है कि उत्तराखंड जैसे शैक्षिक और शोध क्षमता वाले प्रदेश में यह कदम उच्च शिक्षा को ग्लोबल मानकों तक पहुंचाने की दिशा में एक अहम पहल साबित होगा।
प्रस्तावित योजनाओं का प्रारूप किया तैयार
विभाग द्वारा तैयार इस प्रारूप में पिछले 25 वर्षों में उच्च शिक्षा क्षेत्र में हुई प्रमुख उपलब्धियों, जैसे विश्वविद्यालयों का विस्तार, तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा का प्रसार, डिजिटल लर्निंग की पहल और शोध सुविधाओं में वृद्धि का उल्लेख किया गया है। साथ ही अगले 25 वर्षों में किए जाने वाले कार्यों और नई योजनाओं का स्पष्ट खाका भी तैयार किया गया है। उच्च शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों को निर्देशित किया है कि वे समय की मांग के अनुरूप नए विषयों को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें। विभाग का मानना है कि बदलती तकनीक और वैश्विक परिस्थितियों के अनुरूप शिक्षा प्रणाली को निरंतर अद्यतन किया जाना आवश्यक है, ताकि विद्यार्थी रोजगारोन्मुखी और भविष्य के लिए सक्षम बन सकें। राज्य सरकार की मंशा है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान, नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता का केंद्र बने।
इसी दिशा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), डेटा साइंस, पर्यावरण संरक्षण, भारतीय ज्ञान प्रणाली और आयुर्वेद जैसे विषयों को धीरे-धीरे विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में जोड़ा जाएगा। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह पहल शिक्षा में ‘परंपरा और तकनीक का संतुलन’ स्थापित करेगी। एआई जैसे आधुनिक विषय छात्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाएंगे, जबकि आयुर्वेद और भारतीय ज्ञान प्रणाली उन्हें जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक पहचान से जोड़ेंगे। इसके साथ ही प्रत्येक जिले के एक चयनित महाविद्यालय में वर्चुअल लैब स्थापित करने की योजना भी इस रोडमैप का हिस्सा है, ताकि छात्रों को डिजिटल और प्रायोगिक शिक्षा के आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें।