उत्तराखंड

रिखणीखाल की बेटी पिंकी बिष्ट का मुख्यमंत्री अंकल को पत्र….

रिखणीखाल की बेटी पिंकी बिष्ट का मुख्यमंत्री अंकल को पत्र

कुमारी पिंकी बिष्ट
कक्षा-08 गाड़ियों पुल ( पौड़ी गढ़वाल )

देवेश आदमी

मुख्यमंत्री अंकल जी प्रणाम

मेरा नाम कुमारी पिंकी बिष्ट है मेरा स्कूल गाड़ियों पुल है। गाँव भी ग्राम गाड़ियों है मेरा क्षेत्र रिखणीखाल ब्लॉक पट्टी पैनो है। आप को बताती हूँ कि हम कैसे जीते है अपने क्षेत्र में। मेरे गाँव के नजदीक बाजार में बिगत कुछ सालों में तरक्की की एक अनूठी मिसाल हो चुकी है। जहां 6 प्राथमिक विद्यालय बन्द हुए वहीं 2 शराब की नई दुकान खुली। अब तो हमारे गाँव व अगल बगल के भाई चाचा ताऊ घर भी नही आते है शराब जो मिल गया है। स्कूल की दीवार पर शराब की दुकान होने से माहौल कैसे बनता है आप नही जनते है। क्यों कि आप के बच्चे बिदेश में पढ़ते है। आप शराब नही पीते होंगे वरना आप को पता होता कि शराब कैसे घर उजाड़ता है।

मुख्यमंत्री अंकल जी एक 4 बैड का हॉस्पिटल अन्दरगांव में है जो बिगत 3 साल से पुनर्निर्माण में है। मगर आज तक कोई सकारात्मक खबर नही आई। मुख्यमंत्री अंकल जी जब हम बीमार होते है तो दवाई लेने 85km दूर कोटद्वार आते है पैसे होते तो हम भी आप की तरह देहरादून बस जाते मग़र मेरे पापा नही है और मम्मी मनरेगा के भरोसे बैठी है। मुख्यमंत्री अंकल जी रिखणीखाल हॉस्पिटल के बारे में तो आप जानते होंगे। मग़र आप कुछ करोगे नही क्यों कि सरकार को शराब से पैसे मिलते है हॉस्पिटल से कहाँ आमदनी होगी….?

मुख्यमंत्री अंकल जी क्षेत्र में गैस गोदाम खुलने की मांग ग्रामीण बिगत 25 साल से कर रहे है मगर वो भी सपना ही रहा। हाल फिलहाल 80km दूर गैस गोदाम है। कर्मचारियों व ग्रामीणों को क्या दिक्क्त होती है यह देहरादून वाले बाबू क्या समझे। हमारे टीचर बहुत अच्छे है मगर उन को भी कहीं बार स्कूल आने में देरी हो जाती है गैस खत्म हो जाता है तो गैस के इंतजार में टीचर जी बेटे रहते है। कहीं बार टीचर जी भूखे रह जाते है। मुख्यमंत्री अंकल जी क्या आप नही जानते कितनी तकलीफ होती है टीचर को,,आप की पत्नी भी टीचर है आप भी टीचर थे। धनसिंह अंकल जी,हरक सिंह अंकल जी सब टीचर थे।

मुख्यमंत्री अंकल जी हमारे लिए पेट्रो पम्प भी दुगड्डा है। अंकल जी क्या आप को नही लगता कि हमारे लिए कोई सुबिधा होनी चाहिए। हम लोग भी इसी देश के है यह प्रदेश जितना आप का है उतना हम सब का है। सुना है मैंने कि मेरे दादा आज़ाद हिंद फौज में थे मेरे पापा उत्तराखंड आंदोलन में रहे थे। फिर क्यों हमारे साथ दोगली बाते हुए। अंकल जी क्षेत्र के कही गाँव में सड़क नही शिक्षा का अभाव है मगर कोई ध्यान नही देता है। रिखणीखाल में 2013 में 4 पुल नदी में बह गए थे मग़र अभी तक किसी ने ध्यान नही दिया वो पुल वैसे ही है। हम को अपने मामा के गाँव जाने में दिक्क्त होती है। पुल न होने से मेरी शाहेलियाँ बरसात के दिनों स्कूल नही आसकते है।

मुख्यमंत्री अंकल माना कि आप के पास बहुत काम है। सारे प्रदेश का भार आप ने संभाला है आप बहुत काम करते हो रात दिन अपने काम में लगे हो फिर भी समय हो तो कभी रिखणीखाल के बारे में सोचना आना कभी हमारे दुख दर्द को समझने।

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