उत्तराखंड

घोड़े-खच्चरों को केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर मिलेगा पीने के लिये गर्म पानी

उरेड़ा विभाग दो स्थानों पर लगायेगा गर्म पानी के प्लांट
घोड़े-खच्चर संचालकों की मनमानी पर रहेगी प्रशासन की पैनी नजर
रुद्रप्रयाग !
इस बार केदारनाथ मार्ग पर घोड़ा खच्चर संचालकों को खुशी की सौगात मिलने वाली है। जिला प्रशासन इस बार घोड़ा खच्चरों के लिए पीने के लिए गर्म पानी की व्यवस्था कर रहा है। केदारनाथ और लिनचोली में उरेड़ा विभाग के सहयोग से दो प्लांट लगाये जा रहे हंै। जिनकी लागत पांच लाख के आस पास है। ये पैसा केदारनाथ पुनर्निर्माण मद से खर्च किया जायेगा।

केदारनाथ धाम के लिये संचालित होने वाले घोड़े-खच्चरों की मनमानी पर जहां इस बार प्रशासन रोक लगाएगा। वहीं घोड़े-खच्चर संचालकों को आवश्यक सुविधाएं भी पैदल मार्ग के साथ ही केदारनाथ धाम में भी उपलब्ध कराई जाएंगी। गौरीकुंड से लेकर केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन प्रत्येक वर्ष किया जाता है। अक्सर देखा जाता है घोड़े-खच्चर संचालक यात्रियों के मनमानी के साथ ही अभद्रता भी करते हैं, जिस कारण उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। केदारनाथ यात्रा में घोड़ा खच्चर ही केदारनाथ यात्रा की रीड़ है। घोड़ा खच्चर माल ढुलान से लेकर यात्रियों को ले जाने और लाने का काम करते है। जिला प्रशासन को भी घोडें खच्चरांे से काफी राहत मिलती है। केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य का सामान भी घोडे खच्चरों के माध्यम से सोनप्रयाग से ढोया जाता है। घोड़े-खच्चर सोनप्रयाग में गर्म और केदारनाथ में चढाई चढ कर ठन्ड़ा पानी पीते हैं, जिससे उनकी तबीयत खराब हो जाती है। या पेट दर्द हो जाता है। इसी को ध्यान में रखकर इस तरह का फैसला लिया गया है। जिससे खोड़ा खच्चर संचालकों में काफी खुशी है।

इस प्रशासन प्रशासन ने घोड़ा-खच्चर संचालकों पर लगाम कसने के साथ ही घोड़े-खच्चरों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का निर्णय लिया है। घोड़े-खच्चरों को जहां पैदल मार्ग पर गर्म पानी मिलेगा, वहीं एक घोड़े-खच्चर का संचालन एक ही हाॅकर ही करेगा। जो भी घोड़ा-खच्चर संचालक मनमानी करेगा, उसका लाइसेंस निरस्त किया जायेगा। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डाॅ रमेश नितवाल ने बताया कि पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चर को इस बार गर्म पानी मुहैया कराया जायेगा। जिससे घोड़े-खच्चरों का स्वास्थ्य सही रहेगा। ठंडा पानी पीने के बाद चढ़ाई चढ़ने में दिक्कतें हो जाती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। साथ ही घोड़े-खच्चर संचालकों को यात्रियों के साथ मनमानी नहीं की जाने दी जायेगी।

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