दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित हैं वन आरक्षी एवं वन बीट अधिकारी
रुद्रप्रयाग। वन प्रभाग के वन आरक्षी एवं वन बीट अधिकारी मंगलवार से कार्य बहिष्कार पर चले जायेंगे। वन कर्मियों के कार्य बहिष्कार से वन विभाग को दिक्कतों से जूझना पड़ सकता है। इन दिनों जंगलों में आग तेजी से फैल रही है। ऐसे में वन कर्मियों की हड़ताल के चलते ग्रामीण इलाकों में फैलती आग परेशानी खड़ी कर सकती है।
दरअसल, वन कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांग को लेकर धरने पर डटे हैं। मांग पूरी न होने पर कर्मचारियों ने मंगलवार से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया है। वन कर्मियों की दरोगा पदों पर 33 प्रतिशत सीधी भर्ती को निरस्त करने और वन आरक्षियों को पदोन्नति देने की मांग है, लेकिन उनकी मांगों पर शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिस कारण वन कर्मी पिछले चार दिनों से वन विभाग कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष केपी भट्ट, महामंत्री बुरियाल एवं उपाध्यक्ष किशोर चन्द्र नैनवाल ने धरना स्थल पर पहुंचकर वन कर्मियों को पूर्ण समर्थन दिया। वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह झिंक्वाल ने कहा कि कर्मचारी अपनी दो सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलित हैं। उनकी मांगों पर सरकार और शासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि रुद्रप्रयाग, जखोली रेंज एवं केदारनाथ वन प्रभाग के जंगलों में आग लगी है, दूसरी ओर कर्मचारी आंदोलन पर हैं। जब तक आंदोलकारियों की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की जाती है, कार्य बहिष्कार जारी रहेगा। इस मौके पर कुलदीप सिंह रावत, देवी प्रसाद गैरोला, जीत प्रकाश, सोतम कुमार सैनी, देवानंद, पुरूषोत्तम भट्ट, मदन सिंह नेगी, विक्रम सिंह भंडारी, देवी प्रसाद भट्ट, भरत सिंह चैहान, जयदीप टम्टा, सुरजन सिंह नेगी, दिनेश लाल सहित कई मौजूद थे।