उत्तराखंड

ई-टेंडरिंग व्यवस्था से स्थानीय ठेकेदार हुए बेरोजगार

रोहित डिमरी

ठेकेदारों ने बनाई सरकार के खिलाफ रणनीति

सोमवार से सरकारी दफ्तरों पर तालाबंदी और क्रमिक अनशन का निर्णय

रुद्रप्रयाग।  ई-टेंडरिंग व्यवस्था के खिलाफ एक बार फिर ठेकेदार एकजुट हो गए हैं। शुक्रवार को उत्तराखण्ड राजकीय ठेकेदार महासंघ के अधिवेशन में रुद्रप्रयाग, टिहरी, चमोली, पौड़ी समेत विभिन्न जनपदों के ठेकेदारों ने एकत्रित होकर ईं-टेंडरिंग को समाप्त किए जाने पर रणनीति बनाई।

अधिवेशन में टिहरी के अध्यक्ष खुशाल सिंह नेगी ने कहा कि पिछली रावत सरकार ने ई-टेन्डरिंग का बीज बोया और वर्तमान भाजपा सरकार ने इसे अमलीजामा पहनाते हुए स्थानीय ठेकेदारों को बेरोजगार कर दिया है। गैंरसैंण के अध्यक्ष हरेन्द्र नेगी ने कहा कि ई-टेंडरिंग को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे बाहरी प्रदेशों की कम्पनियां यहंा आकर स्थानीय ठेकेदारों का हक छीन सके। ई-टेंडरिंग प्रदेश में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा नमूना है। पौड़ी के अध्यक्ष केएस नेगी ने कहा कि सरकार कि यह व्यवस्था पढ़े-लिखे ठेकेदारों को बेरोजगार करने की है। जान बूझकर ई-टेंडरिंग में पंजीकरण की शर्तें इतनी कठिन रखी हैं कि स्थानीय ठेकेदार इसमें पजीकरण नहीं कर सकता है। घनसाली के अध्यक्ष रविन्द्र बिष्ट ने कहा कि वर्तमान सरकार पहाड़ विरोधी नीति अपनाने में कोई कोरकसर नहीं छोड़ रही है। रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष सूरत सिंह राणा ने कहा कि वर्तमान सरकार ने पलायन आयोग का गठन तो कर दिया है, मगर यहां का रोजगार छीनकर बाहरी लोगों के हाथों सौंप दिया है। राजकीय ठेकेदार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष शत्रुघ्न नेगी ने कहा कि सरकार स्थानीय ठेकेदारों की मांगों को शांतिप्रिय आन्दोलन से नहीं मान रही है। ऐसे में अब पूरे प्रदेश में आन्दोलन को उग्र किया जायेगा। उन्होंने कहा कि चाहे हमें जिस भी हद तक जाना पड़े हम अपनी लड़ाई सफल होने तक लड़ेंगे। कहा कि प्रत्येक जिले में करीब सौ से अधिक सरकारी विभागों में पंजीकृत ठेकेदार हैं, जबकि पूरे राज्य में तेरह सौ से अधिक ठेकेदार हैं। कहा कि पूरे राज्य के ठेकेदार अब एकजुट हो गए हैं और सरकार की इन कुरीतियों के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। अधिवेशन में सभी ठेकेदारों ने निर्णय लिया कि यदि शीघ्र ई-निविदा को समाप्त कर पुरानी व्यवस्था लागू नहीं की गई तो यहां हो रहे निर्माण कार्य स्थलों पर जाकर निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी जायेगी और संबंधित सरकारी दफ्तरों पर तालाबंदी कर सोमवार से क्रमिक अनशन शुरू कर दिया जायेगा। इस मौके पर नागेन्द्र बिष्ट, गिरीश चन्द्र रमोला, बलबीर सिंह रावत, अनिल सिंह, कुलदीप कण्डारी, जसपाल पंवार, कंुवर सिंह नेगी समेत सैंकड़ों ठेकेदार मौजूद थे।

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