मकान में आग लगने से दिव्यांग की जलकर मौत..
उत्तराखंड: नैनीताल में मल्लीताल स्थित बाजार में रविवार देर रात एक घर में आग लगने से एक दिव्यांग बुजुर्ग की जलकर मौत हो गई, जबकि तीन लोग झुलस गए। फायर ब्रिगेड की टीम ने तीन घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। अग्निकांड में तीन लाख का सामान भी जलकर राख हो गया। ब्लोअर से आग लगने की आशंका जताई जा रही है।
नैनीताल के मल्लीताल स्थित बड़ा बाजार में प्रतिष्ठित मामू हलवाई की दुकान के ऊपर दुमंजिले में अपने आवास में रहने वाले 65 वर्षीय दिव्यांग रवींद्र सिंह बिष्ट के घर में रात दो बजे के करीब अचानक आग लग गई। कमरे में अकेले सो रहे रवींद्र दिव्यांग होने के कारण बाहर नहीं निकल सके। रवींद्र ने शोर मचाया, लेकिन आग तेज होने के कारण आसपास का कोई भी व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सका। इस बीच, किसी ने अग्निशमन विभाग को सूचना दे दी।
टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाने की कोशिश की। आग तेज होने के कारण पानी की दो गाड़ियां बुलाई गईं, तब जाकर तीन घंटे में आग पर काबू किया जा सका। तब तक विकलांग रवींद्र की मौत हो चुकी थी। मकान की तीसरी मंजिल में रवींद्र के परिजन हरेंद्र सिंह, नीमा और शिवा मौजूद थे, जो आग बुझाने के दौरान झुलस गए। आग लगने वाली जगह के ठीक बगल में बैंक और उसके साथ ही लकड़ी से बना आवासीय बाजार भी है।
मल्लीताल कोतवाली के एसआई हरीश सिंह ने शव का पंचनामा भर पोस्टमार्टम के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया है, जबकि झुलसे लोगों को अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। आग पर काबू पाने वालों में लीडिंग फायरमैन जवाहर सिंह राणा, उमेश कुमार, गौरव कार्की, मनोज भट्ट, दिनेश राणा, शाहिद आदि थे।
रवींद्र करीब 20 वर्ष पहले एक कार हादसे में अपने पैर खो बैठे थे और तभी से बिस्तर पर ही लेटे रहते थे । क्षेत्रवासियों के अनुसार रवींद्र की पत्नी कार हादसे के बाद कभी नैनीताल नहीं लौटीं। बताया जा रहा है कि वर्तमान में उनका बेटा विदेश में रहता है। कुमाऊं मंडल विकास निगम में कार्यरत रवींद्र ने निगम से वीआरएस ले लिया था। वह अपने निवास पर ही रहते थे। उनके भाई हरेंद्र बिष्ट और परिवार के अन्य लोग उनकी देखरेख करते थे।
