उत्तराखंड

चार लाख आय वाले अल्पसंख्यक परिवारों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ..

चार लाख आय वाले अल्पसंख्यक परिवारों को भी मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण की दिशा में एक अहम और राहत भरा फैसला लिया है। सीएम धामी ने घोषणा की है कि अल्पसंख्यकों के लिए संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं में पात्रता के लिए निर्धारित वार्षिक आय सीमा को अब ढाई लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया गया है। इस निर्णय से बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। यह घोषणा सीएम ने विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर देहरादून के हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला में आयोजित कार्यक्रम के दौरान की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सीएम ने कहा कि अब तक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं में वार्षिक आय की अधिकतम सीमा ढाई लाख रुपये निर्धारित थी, जिसके कारण कई जरूरतमंद परिवार योजनाओं से वंचित रह जाते थे। आय सीमा बढ़ाकर चार लाख रुपये किए जाने से अब ज्यादा से ज्यादा पात्र लाभार्थी सरकारी सहायता प्राप्त कर सकेंगे। इस निर्णय से अल्पसंख्यक मौलाना आजाद ब्याज मुक्त ऋण योजना, अल्पसंख्यक स्वरोजगार योजना, छात्रवृत्ति योजना समेत अन्य कल्याणकारी योजनाओं का दायरा व्यापक होगा। इससे अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को शिक्षा, रोजगार और स्वरोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।

सरकार की प्राथमिकता है कि समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जाए। अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, युवाओं को रोजगार और परिवारों को आर्थिक संबल देना सरकार की प्रतिबद्धता है। इसी दिशा में योजनाओं की शर्तों को सरल और व्यावहारिक बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए लगातार निगरानी कर रही है, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों को ही इसका लाभ मिल सके। कार्यक्रम के दौरान अल्पसंख्यक समाज के प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों और बड़ी संख्या में लाभार्थियों की मौजूदगी रही। लोगों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे अल्पसंख्यक समुदाय के हित में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

 

सीएम धामी ने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक सशक्तिकरण के क्षेत्र में लगातार ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में स्कूल, कॉलेज, छात्रावास, आईटीआई, स्वास्थ्य केंद्र और कौशल विकास संस्थानों की स्थापना की जा रही है, ताकि इन क्षेत्रों में आधारभूत सुविधाओं को मजबूत किया जा सके। सरकार का उद्देश्य अल्पसंख्यक समाज को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। शिक्षा और कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। इसी क्रम में अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में आधुनिक शैक्षणिक संस्थान और प्रशिक्षण केंद्र विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय युवाओं को बेहतर अवसर मिल सकें। सीएम धामी ने वक्फ संपत्तियों को लेकर भी सरकार की मंशा स्पष्ट की। उन्होंने कहा कि नए वक्फ कानूनों में सुधार के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को अधिक पारदर्शी और उत्तरदायी बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।

इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि वक्फ की संपत्तियों से होने वाला वास्तविक लाभ समाज के गरीब, जरूरतमंद और पिछड़े वर्गों तक पहुंचे, न कि सीमित लोगों तक सिमट कर रह जाए। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक प्रोत्साहन योजना के तहत अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। इससे छात्र प्रशासनिक सेवाओं, तकनीकी और अन्य प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी कर अपने भविष्य को मजबूत बना सकें। उन्होंने शिक्षा व्यवस्था में किए जा रहे सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी मदरसों और अल्पसंख्यक विद्यालयों में अब उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। इसके लिए राज्य में नया अल्पसंख्यक शिक्षा कानून लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक और समान शिक्षा उपलब्ध कराना है। सरकार अल्पसंख्यक समुदाय के हितों की रक्षा करते हुए उनके विकास के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले समय में भी कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा। इस अवसर पर अल्पसंख्यक समाज के प्रतिनिधि, सामाजिक संगठन और बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।

सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून भी लागू किया..

सीएम धामी ने कहा है कि राज्य सरकार सभी धर्मों की स्वायत्तता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से उत्तराखंड में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार के दबाव, प्रलोभन, लालच या छल के माध्यम से कराए जाने वाले धर्मांतरण पर प्रभावी रोक लगाई जा सके और प्रदेश में सामाजिक सौहार्द बना रहे। विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा कि यह कानून किसी भी धर्म या समुदाय के खिलाफ नहीं है, बल्कि लोगों की आस्था की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए है। उन्होंने कहा कि सरकार का स्पष्ट मानना है कि धर्म परिवर्तन व्यक्ति की स्वेच्छा से होना चाहिए, न कि किसी प्रकार के भय, प्रलोभन या मजबूरी के कारण। सीएम धामी ने अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य का उल्लेख करते हुए कहा कि आज दुनिया के कई देशों में अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से आह्वान किया कि वे सोशल मीडिया जैसे माध्यमों के जरिए उन देशों में हो रहे अत्याचार और भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाएं, ताकि वैश्विक स्तर पर मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जनजागरूकता बढ़ सके।

उत्तराखंड सरकार अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के साथ-साथ उनके सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी साझा की और कहा कि इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। समारोह के दौरान मुस्लिम महिलाओं ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू किए जाने पर सीएम धामी का आभार व्यक्त किया। महिलाओं ने कहा कि यूसीसी से समाज में समानता और न्याय की भावना मजबूत हुई है। उन्होंने सीएम को “एक भाई के रूप में” बताते हुए कहा कि सीएम धामी प्रदेश के साथ-साथ अल्पसंख्यक समुदाय के हित में भी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ कार्य कर रहे हैं। महिलाओं ने कहा कि सीएम के नेतृत्व में प्रदेश में कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है और महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान को प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने सरकार द्वारा अल्पसंख्यक महिलाओं और युवाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी सराहना की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग, महिलाएं, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सीएम ने विश्वास दिलाया कि सरकार आगे भी समानता, सामाजिक सौहार्द और समावेशी विकास के सिद्धांतों पर चलते हुए सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य करती रहेगी।

 

 

 

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