उत्तराखंड

प्रभारी प्रधानाचार्य के खिलाफ सोशल मीडिया में ब्लैकमेलिंग की साजिश..

मुख्य शिक्षा अधिकारी

जांच में बीएड की डिग्री सही पाई गई: मुख्य शिक्षा अधिकारी..

तीन सालों से सोशल मीडिया में किया जा रहा है बदनाम..

विद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास: प्रधानाचार्य..

रुद्रप्रयाग: ओंकारानन्द हिमालय माण्टेसरी इण्टर कालेज जखोली के प्रधानाचार्य के विरूद्व सोशल मीडिया में कथित बीएड की फर्जी डिग्री का मामला एक बड़ी साजिश प्रतीत हो रही है, क्योंकि शिक्षा विभाग की जांच एवं प्रबंध तंत्र की जांच में प्रधानाचार्य पर लगे आरोप निराधार बताये गये हैं। यही नही मेरठ की यूनिवर्सिटी ने भी प्रधानाचार्य की बीएड डिग्री को सत्यापनीय बताया है।
दरअसल, जखोली विकास खण्ड का प्रतिष्ठित ओंकारानन्द हिमालय माण्टेसरी इण्टर कालेज जखोली कई समय से लगातार सोशल मिडिया की सुर्खियो में है। मामला विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य की कथित अवैध बीएड की डिग्री का है। शिक्षा विभाग के संज्ञान में मामला आया तो विभाग ने खण्ड शिक्षा अधिकारी जखोली को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी , जांच अधिकारी ने प्रधानाचार्य की बीएड डिग्री सत्यापन के लिये मेरड यूनिवर्सिटी को भेजी। संबधित विश्व विद्यालय की जांच रिपोर्ट अगस्त 2019 मे खण्ड शिक्षा अधिकारी को सत्यापनीय बताई गयी, जबकि पूर्व मे विद्यालय के प्रबंधक ने भी वर्ष 2017 में प्रधानाचार्य की डिग्री मेरठ यूनिर्विर्सटी को सत्यापन के लिये भेजी थी। इस सत्यापन रिपोर्ट में भी प्रधानाचार्य की बीएड डिग्री को सत्यपित किया गया। जाहिर है कि सोशल मिडिया पर प्रधानाचार्य की बीएड डिग्री विभागीय जांच एवं प्रबंध तन्त्र की जांच में सही पायी गई है।

 

 

अब प्रश्न उठता है कि आखिर प्रधानाचार्य की डिग्री जब दो-दो जांचों में सही पायी गई है तो फिर अवैध प्रचार प्रसार का औचित्य आखिर क्या है,प्रभारी प्रधानाचार्य से सम्पर्क करने पर उन्होंने लिखित साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया कि स्थानीय एक व्यक्ति द्वारा विद्यालय की प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा रहा है। वे मेरे विरुद्ध साजिश रच रहे हैं। उन्होंने इस संबंध में स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन को लिखित तहरीर दी है। इतना नही नहीं, बल्कि चैकी प्रभारी जखोली में शिकायत कर मान हानि का मामला पंजीकृत करवाया है। दूसरी तरफ विद्यालय के अध्यक्ष सहित शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने गत 15 अक्टूबर को उप जिलाधिकारी जखोली को भेजे संयुक्ताक्षरो युक्त ज्ञापन में एक स्थानीय व्यक्ति को नामजद करते हुए विद्यालय के विरुद्ध की रही साजिश करार देते हुए आरोपी को दण्डित करने की मांग की, साथ ही न्याय न मिलने पर धरना देने की बात कही। प्रधानाचार्य के विरुद्ध साजिश का मामला यही नहीं थमा, बल्कि पूर्व मे एनएसएस शिविर में छात्राओं से कथित अभद्रता का मामला भी खूब प्रचारित हुआ जो विभागीय जांच एवं बन स्टाप सेन्टर की रिपोर्ट मे भी आरोप खारिज की जा चुकी थी।

अब प्रश्न उठता है कि आखिर प्रधानाचार्य के विरूद्व हो रहे इस षडयंत्र का मकसद क्या है। यह भी उल्लेखनीय है कि ओंकारानंद हिमालय माण्टेसरी इण्टर काॅलेज जखोली विकासखण्ड का प्रतिष्ठित स्कूल है, न केवल शैक्षिक गुणवत्ता, बल्कि सौन्दर्यीकरण मे भी विद्यालय पहली पंक्ति में है तथा जनता के अथक प्रयास एवं खून पसीने के पैसे से विद्या का यह मंदिर स्थापित हुआ था। इसके विरूद्व साजिश आम जन के गले नहीं उत्तर रही है। मुख्य शिक्षा अधिकारी सीएन काला से इस संबंध में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारी जखोली की जांच आख्या मे प्रभारी प्रधानाचार्य के अभिलेख सत्यापनीय बताये गये है, तथापि कोई भी अनियमितता मिलती है तो नियमानुसार कार्यवाही की जायेगी।

 

 

बहरहाल प्रभारी प्रधानाचार्य की बीएड की फर्जी डिग्री को लेकर जो हल्ला मचाया जा रहा है, वह किसी बड़ी साजिश का हिस्सा प्रतीत होता है, जिससे प्रबंध तंत्र की आहत है जिसका सीधा प्रभाव शिक्षा व्यवस्था पर पड़ना स्वाभाविक है। शिक्षा विभाग को इस मामले की सच्चाई सामने लानी होगी, ताकि दूध का दूध एवं पानी का पानी हो सके। यदि षडयंत्र हो तो इस पर कानूनी कार्यवाही समय रहते जरूरी है, ताकि शिक्षा के इस पवित्र मंदिर का संरक्षण हो सकें।

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