उत्तराखंड

बच्चों के संरक्षण को लेकर आयोग कृत संकल्पित: सेमवाल

सात दिवसीय किशोरी शक्ति योजना कार्यशाला का आयोजन
रुद्रप्रयाग। महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में आयोजित सात दिवसीय किशोरी शक्ति योजना कार्यशाला में उत्तराखण्ड बाल अधिकार संरक्षण आयोग, जिला बाल विकास समिति एवं किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यों ने प्रतिभाग कर किशोरियों को उनके अधिकार व संवैधानिक व्यवस्थाओं की जानकारी दी।

जाखेश्वर शिक्षण संस्थान की ओर से विकासखण्ड जखोली के सुमाड़ी में सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें क्षेत्र की 25 किशोरियांे ने प्रतिभाग किया है। कार्यशाला के तीसरे दिन बाल संरक्षण आयोग के सदस्य वाचस्पति सेमवाल ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए बच्चों को बाल अधिकार एवं आयोग की भूमिका पर विस्तार पूर्वक चर्चा की। उन्होंने कहा कि बच्चे हमारा भविष्य हैं और उनके संरक्षण को लेकर आयोग पूरी तरह से कृत संकल्पित है, जिससे बच्चों से उनके अधिकार जो कि संविधान से प्राप्त हैं।

कार्यशाला में जिला बाल विकास समिति की अध्यक्ष श्रीमती ऊषा सकलानी ने किशोरियों को जन्म से लेकर 18 वर्ष तक की उम्र में पहुंचने तक की गतिविधियों व उनके विकास को लेकर सरकार की योजनाओं को बताया। किशोर न्याय बोर्ड की सदस्य श्रीमती रंजना गैरोला भट्ट ने बच्चों को पोक्सो एक्ट, गुड एण्ड बैड टच, बाल तस्करी सहित कई अधिकारों व सामाजिक बुराइयों के बारे में जानकारी दी व सवालों के माध्यम से बच्चों की मनोस्थिति को जाना, तो बोर्ड के सदस्य नरेन्द्र कंडारी ने पूरे प्रदेश में जिला स्तर पर किशोरियों द्वारा डाटा बैंक तैयार करने की आवश्यकता बताई। वहीं बाल समिति की सदस्य सुनीता जोशी ने भी बाल अधिकारों पर चर्चा की। इससे पूर्व जाखेश्वर शिक्षण संस्थान के ट्रेनरों श्रीमती रीना, पूजा व भपेन्द्र ने सभी आगुन्तकों का अभिनंदन किया। कार्यक्रम के विषय में पूरी जानकारी व कार्यशाला का संचालन संस्था के सुनीत सिंह ने किया। इस मौके पर 25 प्रतिभागी किशोरियां कार्यशाला में मौजूद रही।

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