उत्तराखंड

राजनैतिक पारी की शुरूआत कर सकते हैं कर्नल कोठियाल

2019 के लोकसभा चुनाव से हो सकती है चुनावी पारी की शुरूआत
केदारनाथ को संवारने में कर्नल का रहा अहम योगदान
रुद्रप्रयाग। निम के प्रधानाचार्य कर्नल कोठियाल निकट निकट भविष्य में अपनी राजनैतिक पारी शुरू कर सकते हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में यह सच भी हो सकता है। उनका सेवाकाल भी जल्दी पूरा होने जा रहा है। केदारनाथ आपदा के बाद वहां हुए पुनर्निर्माण कार्यों से उनकी अलग पहचान, क्षेत्र में लगातार विभिन्न समारोहों में उनकी शिरकत, युवाओं में उनके प्रति बढ़ता क्रेज इसी ओर इशारा कर रहे हैं। संघ में उनकी मजबूत पकड़ एवं वर्तमान गढ़वाल सांसद भुवन चन्द्र खण्डूरी द्वारा चुनाव न लड़ने के ऐलान तथा सैनिक पृष्ठभूमि ने गढ़वाल क्षेत्र से उनके चुनाव लड़ने की सम्भावनाओं को बल दिया है।

वर्ष 2013 में केदारघाटी में आई भीषण आपदा ने केदारनाथ धाम को भारी क्षति पहंचाई थी। केदारनाथ में हुई क्षति को देखते हुए उसका पुनर्निर्माण करना उस समय लगभग असम्भव लग रहा था, क्योंकि विषम भौगोलिक परिस्थितियां एवं भीषण ठण्ड इन कार्यों में रोड़ा बना था। ऐसे में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात कर्नल अजय कोठियाल ने केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यों का जिम्मा लिया और न केवल अपने जज्बे तथा स्थानीय युवाओं को साथ लेकर यह सम्भव कर दिखाया, बल्कि अगले साल ही केदारनाथ यात्रा को सुरक्षित एवं सफल बना दिया। उन्होंने स्थानीय युवाओं को केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों में न केवल रोजगार से जोड़ा, बल्कि उन्हें भारतीय सेना में भर्ती के लिए भी प्रेरित किया। उन्होंने उत्तराखण्ड में यूथ फाउण्डेशन के नाम से भर्ती पूर्व प्रशिक्षण केन्द्रों की स्थापना कर युवाओं को प्रशिक्षण दिलवाया। जहां से आज बड़ी संख्या में युवा सेना में भर्ती हो रहे हैं। यही नहीं उन्होंने कई गरीब एवं असहाय लोगों को गम्भीर बीमारी से निजात दिलाने में भी मदद की। इन सब कार्यों से उनका गढ़वाल मण्डल में एक अलग ही आभा मण्डल बना है। जहां लोग उन्हें भगवान मानने लगे हैं तथा उनके खिलाफ कुछ भी सुनना पसन्द नहीं करते है। जनता में उनकी ईमानदार एवं काम करने वाली छवि को देखते हुए यदा कदा उनके राजनीति में आने की चर्चा भी होती रहती है।

वैसे तो उन्होंने कभी इसे स्वीकार नहीं किया है, लेकिन उनकी क्षेत्र में लगातार सक्रियता एवं विभिन्न मंचों पर दिए बयानों से ऐसा कयास लगाया जाता रहा है। अगस्त्यमुनि महाविद्यालय में हुए छात्र संघ सम्मान समारोह के अवसर पर भी उन्होंने केदारनाथ एवं गंगोत्री की जनता के आशीर्वाद की बात कहकर यह संकेत दिया है कि वे निकट भविष्य में गढ़वाल या टिहरी से चुनाव लड़ सकते हैं। कर्नल कोठियाल का ब्रिगेडियर के पद पर प्रमोशन होना था, लेकिन वे कर्नल के पद से ही सेवानिवृत हो रहे हैं। गढ़वाल संसदीय सीट सैनिक बाहुल्य होने के कारण राजनैतिक दल सैनिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को वरीयता देंगे। ऐसे में भाजपा के पास कर्नल कोठियाल सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हो सकते हैं। निकट भविष्य में उनकी सेवानिवृति, संघ से उनकी निकटता एवं भुवन चन्द्र खण्डूरी द्वारा आगामी चुनाव न लड़ने का ऐलान कुछ ऐसा ही इशारा कर रहे हैै। अभी कुछ दिन पूर्व रूद्रप्रयाग में कुंमाऊं रेजीमेण्ट के बिदाई समारोह में सीओ द्वारा पूर्व सैनिकों को कर्नल कोठियाल का समर्थन करने का आह्वान भी इसी नजरिये से देखा जा रहा है।

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