उत्तराखंड

महिलाओं के लिए बड़ी सौगात- केंद्र पोषित योजना के तहत शुरू कर सकेंगी अपना व्यवसाय..

महिलाओं के लिए बड़ी सौगात- केंद्र पोषित योजना के तहत शुरू कर सकेंगी अपना व्यवसाय..

 

 

 

उत्तराखंड: प्रदेश सरकार ने निराश्रित महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत अब राज्य की निराश्रित महिलाएं अपनी पसंद के अनुसार व्यवसाय का चयन कर सकेंगी, और इसके लिए उन्हें दो लाख रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। इस योजना की खास बात यह है कि सरकार ने महिलाओं द्वारा चुने गए स्व-रोजगार की श्रेणी को लेकर कोई शर्त निर्धारित नहीं की है। यानी महिला जिस भी क्षेत्र में कार्य करना चाहें, जैसे सिलाई-कढ़ाई, दुकानदारी, डेयरी, कृषि कार्य, या किसी अन्य क्षेत्र में वह योजना के अंतर्गत पूरी तरह मान्य होगी। राज्य सरकार का उद्देश्य इन महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है। यह योजना विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए उपयोगी होगी जो परिवारिक, सामाजिक या आर्थिक कारणों से निर्भरता की स्थिति में हैं। इसका लाभ प्रत्येक जनपद में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर मिलेगा। पात्रता की आयु सीमा कम से कम 21 और ज्यादा से ज्यादा 50 साल निर्धारित की गई है। सरकार की इस पहल को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। योजनाओं को पारदर्शी और सरल तरीके से लागू करने के लिए डिजिटल माध्यमों का भी सहारा लिया जाएगा।

राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी का कहना हैं कि इसमें महिलाओं को उनके कौशल के अनुसार सब्सिडी आधारित सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इच्छुक महिलाएं जिस भी कार्य में निपुण हैं। चाहे वह सिलाई हो, कुकिंग, ब्यूटी पार्लर, पशुपालन, या अन्य कोई हुनर उस पर आधारित स्वरोजगार शुरू करने के लिए सरकारी सब्सिडी प्राप्त कर सकती हैं। योजना की प्रमुख शर्त यह है कि महिला के बैंक खाते में केवल 25,000 की राशि होनी चाहिए, चाहे वह राशि लोन के माध्यम से ही क्यों न हो। इसके बाद बाकी आवश्यक धनराशि सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में दी जाएगी। यानी महिला को व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं होगी। यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगी।

आवेदन की शर्ते

उत्तराखंड सरकार द्वारा चलाई जा रही मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत लाभार्थी बनने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रता शर्तें निर्धारित की गई हैं। इस योजना का उद्देश्य निराश्रित और परित्यक्ता महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहयोग प्रदान करना है। आवेदन केवल वही एकल महिला कर सकेगी जो उत्तराखंड मूल की हो। महिला के पूरे परिवार की वार्षिक आय 72,000 से अधिक नहीं होनी चाहिए। समाज कल्याण विभाग द्वारा चयनित परित्यक्ता महिलाएं ही योजना की पात्र होंगी। यदि किसी महिला का पंजीकरण विभाग में नहीं है, तो वह ग्राम प्रधान, विधायक या सांसद द्वारा जारी प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर सकती है। प्रमाणपत्र के साथ महिला का एक स्वप्रमाणित शपथ पत्र भी संलग्न करना होगा। इसके साथ ही हर वित्तीय वर्ष में नए आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि अधिक से अधिक योग्य महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकें। इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को स्वरोजगार के लिए दो लाख रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी, और उन्हें किसी विशेष व्यवसाय तक सीमित नहीं किया गया है। वे अपनी रुचि और दक्षता के अनुसार कार्य का चयन कर सकती हैं।

इस संबंध में जानकारी देते हुए योजना की नोडल अधिकारी ने कहा कि इच्छुक और पात्र महिलाएं योजना से संबंधित विज्ञप्ति जारी होने पर अपने जिले में कार्यरत जिला कार्यक्रम अधिकारी से आवेदन पत्र प्राप्त कर सकती हैं। महिलाओं द्वारा जमा किए गए आवेदनों की जांच एक माह के भीतर पूरी की जाएगी।इसके बाद जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुमोदित प्रस्तावों को जिला कार्यक्रम अधिकारी के माध्यम से अधिकतम 15 दिनों के भीतर निदेशालय को प्रेषित किया जाएगा। योजना की अंतिम स्वीकृति राज्य स्तरीय समिति द्वारा प्रस्तावों की जांच के बाद दी जाएगी। योजना को इसी वित्तीय वर्ष में लागू करने की तैयारी है। इसके शासनादेश होने के बाद लगभग दो माह में बजट जारी होने की उम्मीद है। उसके बाद समस्त जनपद में आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

 

 

 

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