कोहरा और नींद बनी काल, पलक झपकते ही खत्म हो गई दो परिवारों के छह लोगों की जिंदगी…
उत्तराखंड : ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर सकनीधार के पास हुए कार हादसे ने दो परिवारों के छह लोगों की जिंदगी छीन ली। खाई में गिरते ही कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे का कारण घना कोहरा और चालक को नींद की झपकी आना बताया जा रहा है।
गुरुवार को दुर्घटना की सूचना मिलने पर एसडीएम कीर्तिनगर रजा अब्बास, सीओ नरेंद्रनगर प्रमोद शाह और तहसीलदार ऊखीमठ जयवीर राम बधाणी भी मौके पर पहुंचे। खड़ी चढ़ाई में खराब मौसम में शवों को खाई से निकालने में पुलिस और एसडीआरएफ को काफी मशक्कत करनी पड़ी। गुरुवार को सुबह देवप्रयाग से करीब 19 किमी दूर ऋषिकेश से देवप्रयाग की ओर आ रही एक कार अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे जा गिरी। खाई में पत्थरों के ढेर होने से कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। कार में ऊखीमठ तहसील में नाजिर के पद पर कार्यरत मकान सिंह का परिवार समेत 6 लोग सवार थे।
दुर्घटना में पांच लोगों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि मकान सिंह की पत्नी सौंपा देवी (42) को उपचार हेतु एम्स ऋषिकेश भेजा गया। जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। थाना प्रभारी देवप्रयाग महिपाल सिंह रावत ने बताया कि घना कोहरा व चालक को नींद की झपकी आना दुर्घटना की वजह हो सकती है।
हादसे में मकान सिंह (49) पुत्र फतेह सिंह और उसका पुत्र पंकज (18) निवासी झांकड़ी पालकोट देवप्रयाग टिहरी, फूलदेई देवी (53) पत्नी मदन सिंह रावत निवासी श्यामपुर फाटक रामेश्वरपुरम ऋषिकेश, लक्ष्मी देवी (35) पत्नी नरेंद्र सिंह उसकी पुत्री नेहा (12) निवासी सेम भरदार रुद्रप्रयाग की मौत हो गई है।
मृतकों की पहचान मृतकों के गांव से आए लोगों के पहुंचने पर देर शाम तक हो पाई। बताया कि दुर्घटना वाले स्थान पर पूर्व में एनएच प्रशासन और लोनिवि को दीवार लगाने का सुझाव दिया गया था। लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। जानकारी के अनुसार इसी रूट पर पिछले 5 सालों में अब तक 104 वाहन खाई में गिर चुके हैं। इनमें 84 लोगों की जान जा चुकी है।