उत्तराखंड

उत्तराखंड में स्कूली छात्रों को बड़ी राहत, 12वीं तक मिल सकती है मुफ्त ड्रेस और बैग..

उत्तराखंड में स्कूली छात्रों को बड़ी राहत, 12वीं तक मिल सकती है मुफ्त ड्रेस और बैग..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में अब कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को भी जल्द ही यूनिफार्म, बैग और जूते की सुविधा मिल सकती है। राज्य सरकार द्वारा संचालित स्कूलों में अध्ययनरत इन विद्यार्थियों को सुविधा देने के लिए शिक्षा विभाग ने एक नई महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार कर लिया है, जिसे सीएम पुष्कर सिंह धामी के समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया है। फिलहाल राज्य में कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को यह सुविधा दी जा रही है, लेकिन अब इसे माध्यमिक स्तर तक विस्तारित करने की तैयारी है। यदि यह योजना लागू होती है तो प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 25 लाख छात्र-छात्राएं इस योजना के दायरे में आ जाएंगे। यह पहल मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के बाद शिक्षा विभाग की एक और बड़ी कोशिश के रूप में देखी जा रही है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़ाना, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को सहयोग देना और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार योजना को लागू करने के लिए बजट का आंकलन किया जा रहा है और जल्द ही अंतिम प्रस्ताव को कैबिनेट में रखा जाएगा। यदि सरकार से मंजूरी मिलती है, तो यह योजना राज्य में माध्यमिक शिक्षा को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ ड्रॉपआउट रेट को भी कम करने में सहायक सिद्ध हो सकती है।

वर्तमान व्यवस्था के अनुसार राज्य में कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियों को निशुल्क किताबों के साथ-साथ यूनिफार्म, बैग और जूते भी उपलब्ध कराए जाते हैं। हालांकि दो वर्ष पहले तक केवल कक्षा 8 तक के छात्रों को ही मुफ्त किताबें दी जाती थीं, जबकि माध्यमिक स्तर (9-12वीं) पर केवल आरक्षित वर्ग के छात्रों को ही किताबें निशुल्क मिलती थीं। सरकार ने दो साल पहले एक अहम फैसला लेते हुए कक्षा 9 से 12वीं तक के सभी छात्रों को भी निशुल्क पाठ्यपुस्तकें देने की व्यवस्था शुरू की, जिससे लाखों विद्यार्थियों को राहत मिली। अब सरकार इस सुविधा को आगे बढ़ाते हुए माध्यमिक स्तर के छात्रों को भी ड्रेस, बैग और जूते देने की योजना पर विचार कर रही है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है, तो यह सुविधा लगभग 25 लाख छात्र-छात्राओं को लाभान्वित करेगी। शिक्षा विभाग का मानना है कि यह योजना शैक्षणिक समानता को बढ़ावा देने, गरीब और वंचित वर्ग के छात्रों को सहयोग देने, और ड्रॉपआउट दर को कम करने में मददगार साबित होगी।

 

 

 

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