रुद्रप्रयाग में भालू का आतंक, महिला पर अचानक हमला, ग्रामीणों में भय का माहौल..
उत्तराखंड: पंच केदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के आसपास गुरुवार को दिनदहाड़े भालू के हमले से सनसनी फैल गई। जंगल से निकलकर आए भालू ने घास काट रही एक महिला पर अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। घटना राजकीय अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ के पास दोपहर करीब तीन बजे की है। प्रेमनगर निवासी 32 वर्षीय रचना देवी, पत्नी मनमोहन, जब खेतों के समीप घास ले रही थीं, तभी भालू ने अचानक हमला कर दिया। महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और किसी तरह भालू को खदेड़कर महिला की जान बचाई।घायल महिला को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऊखीमठ ले जाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उसे जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर कर दिया गया। लगातार हो रहे वन्यजीव हमलों से क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है। स्थानीय निवासियों ने वन विभाग से गश्त बढ़ाने और प्रभावित इलाकों में ठोस सुरक्षा व्यवस्था करने की मांग की है।
प्रत्यक्षदर्शियों और ग्रामीणों के अनुसार प्रेमनगर निवासी रचना देवी घास काट रही थीं, तभी जंगल की ओर से आए भालू ने उन पर अचानक झपटकर हमला कर दिया। हमले में महिला बुरी तरह घायल होकर लहूलुहान हो गईं। महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और किसी तरह भालू को दूर भगाया। इसके बाद घायल महिला को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। प्राथमिक उपचार के बाद हालत गंभीर होने पर उन्हें जिला चिकित्सालय रुद्रप्रयाग रेफर कर दिया गया है, जहां उनका उपचार जारी है। घटना की जानकारी मिलते ही केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने अस्पताल पहुंचकर घायल महिला का हालचाल जाना और परिजनों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वन विभाग की टीम घटनास्थल पर तैनात है और प्रभावित क्षेत्र में लगातार गश्त की जा रही है। विधायक ने कहा कि जिन क्षेत्रों में वन्यजीवों की सक्रियता अधिक है, वहां विशेष अभियान चलाया जाएगा। मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
ऊखीमठ क्षेत्र में हालिया भालू हमले की घटना के बाद वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधियों को लेकर ग्रामीणों में गहरी चिंता देखी जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ समय से जंगलों से सटे आबादी वाले इलाकों में भालुओं की आवाजाही लगातार बढ़ रही है, जिससे ग्रामीण भय के माहौल में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में समय पर प्रभावी निगरानी और नियमित गश्त नहीं होने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस और स्थायी कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और भी गंभीर घटनाएं सामने आ सकती हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल निगरानी बढ़ाने, गश्त तेज करने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने की मांग की है। इसके साथ ही क्षेत्रवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि घनी आबादी के पास वन्यजीवों की बार-बार मौजूदगी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाए और आमजन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। लोगों के बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि आबादी वाले क्षेत्रों में वन्यजीवों की बढ़ती गतिविधि कहीं वन विभाग की लापरवाही का संकेत तो नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन और वन विभाग के समन्वित प्रयासों से ही मानव-वन्यजीव संघर्ष पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।