राजकीय हाईस्कूल पिनानी में टपक रही छत
12 साल बाद भी नहीं मिला विद्यालय भवन निर्माण को बजट
श्रीनगर। विकासखंड पाबौ के अंतर्गत स्थित राजकीय हाईस्कूल पिनानी में छाते के नीचे भविष्य गढ़ा जा रहा है। बरसात में कक्षा-कक्ष की छत से पानी टपक रहा है। इसके चलते बच्चे बारिश होने पर क्लास में छाता ओढ़ लेते हैं। अभिभावकों का कहना है कि यहां ना तो पर्याप्त कक्षा कक्ष हैं और ना ही फर्नीचर। भवन की स्थिति इतनी खराब है कि अनहोनी का डर बना रहता है।
जुलाई 2005 में राजकीय जूनियर हाईस्कूल पिनानी का हाईस्कूल में उच्चीकरण किया गया था। लेकिन जरुरत के मुताबिक विद्यालयों को संसाधन नही दिए गए। हालांकि समय के साथ विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति हो गई।
वर्ष 2010 तक कक्षा 6 से 10 तक 5 कक्षाएं जूनियर विद्यालय के भवन में चलती रहीं। इसी बीच यहां से करीब 3.5किलोमीटर दूर कुंडीर में भविष्य में बजट मिलने की प्रत्याशा में प्रयोगशाला भवन का निर्माण करा दिया गया। वर्ष 2010 से कक्षा 9 और 10 की पढ़ाई प्रयोगशाला भवन के दो कक्षों में हो रही है।
विद्यालय के अध्यापक-अभिभावक संघ अध्यक्ष सुनीता देवी और स्कूल प्रबंधन समिति अध्यक्ष चंदन ङ्क्षसह बताती हैं कि दोनों ही विद्यालय भवनों की स्थिति जर्जर हैं। प्रयोगशाला भवन इन दिनों बरसात में टपक रहा है। मजबूरन बच्चों को कमरे में ही छाता ओढऩा पड़ता है। यदि ऐसा न करे, तो बरसात के महीनों में स्कूल चल नहीं पाएंगी। इसका नुकसान बच्चों को होगा। प्रधानाचार्य दिगंबर बमराड़ा ने बताया कि प्रयोगशाला के दोनों कमरों में ही दो कक्षाओं सहित प्रधानाचार्य व स्टाफ कक्ष की व्यवस्था की गई है। ऐसे में छात्र-छात्राओं और स्टाफ को दिक्कतें आती हैं।
विद्यालय में जो संसाधन उपलब्ध हैं, उसी पर पूरी निर्भरता है। कक्षा-कक्ष निर्माण के लिए बजट नहीं मिल रहा है।
एमएस रावत, मुख्य शिक्षा अधिकारी पौड़ी