उत्तराखंड

साहसिक पर्यटन को नई उड़ान, पिथौरागढ़ में होगी आदि कैलाश मैराथन, सीएम धामी ने किया प्रोमो रन लॉन्च..

साहसिक पर्यटन को नई उड़ान, पिथौरागढ़ में होगी आदि कैलाश मैराथन, सीएम धामी ने किया प्रोमो रन लॉन्च..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड में साहसिक खेलों और पर्यटन को नई पहचान दिलाने की दिशा में एक और कदम उठाया गया है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास से पिथौरागढ़ के गुंजी गांव में आयोजित होने वाली आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन के प्रोमो रन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और इस अवसर पर कार्यक्रम का लोगो भी जारी किया। यह मैराथन अपनी खास भौगोलिक स्थिति के कारण बेहद अनोखी है। कार्यक्रम के अनुसार 2 नवंबर को गूंजी गांव से शुरू होने वाली इस मैराथन का ट्रैक 10,300 फीट से लेकर 15,000 फीट की ऊंचाई तक रहेगा। इसमें देशभर से चुनिंदा एथलीट हिस्सा लेंगे, जिससे यह प्रतियोगिता न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित होने की संभावना है। राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित इस विशेष मैराथन का उद्देश्य सिर्फ प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह साहसिक एवं शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने, युवाओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने और नशा मुक्त उत्तराखंड के संकल्प को मजबूत करने का संदेश भी देगी। सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड प्राकृतिक सौंदर्य और रोमांचक खेलों की असीम संभावनाओं वाला राज्य है। इस तरह की गतिविधियाँ प्रदेश की टूरिज्म पॉलिसी को और मजबूती देंगी और युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करेंगी। इस मैराथन को लेकर खिलाड़ियों और स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। गूंजी जैसे दूरस्थ और ऊंचाई वाले इलाके में इस स्तर की अल्ट्रा मैराथन का आयोजन न सिर्फ खेल जगत बल्कि पूरे पर्यटन उद्योग के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

 

सीएम धामी ने इस आयोजन को पलायन की समस्या के समाधान, स्थानीय युवाओं को रोजगार से जोड़ने और पर्यटन इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाने की दिशा में मील का पत्थर बताया। सीएम धामी ने कहा कि यह मैराथन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की वाइब्रेंट विलेज योजना को भी गति प्रदान करेगी। इस योजना का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों को आत्मनिर्भर बनाना और विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। मैराथन जैसे आयोजन इन क्षेत्रों में न सिर्फ आर्थिक अवसर पैदा करेंगे बल्कि स्थानीय समुदायों को भी नए अवसरों से जोड़ेंगे।आदि कैलाश अल्ट्रा मैराथन से राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। हिमालय की गोद में बसे गुंजी जैसे क्षेत्र में इस तरह के आयोजन से साहसिक पर्यटन को नई दिशा मिलेगी और प्रदेश पर्यटन मानचित्र पर और सशक्त होकर उभरेगा। सीएम ने कहा कि इस आयोजन से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे और सीमांत क्षेत्रों के लोग पर्यटन और खेल से सीधे तौर पर जुड़ेंगे। इससे पलायन की समस्या पर अंकुश लगेगा और गांव-गांव में विकास की नई राह खुलेगी। सीमांत इलाकों में आयोजित होने वाली यह अनूठी मैराथन प्रदेश के लिए एक सामाजिक-आर्थिक क्रांति का प्रतीक होगी। सरकार का मानना है कि खेल और पर्यटन के जरिए सीमांत क्षेत्र न सिर्फ आत्मनिर्भर बनेंगे बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी इनकी महत्ता और मजबूत होगी।

 

सचिव पर्यटन धीराज गर्ब्याल का कहना हैं कि आदि कैलाश मैराथन पांच श्रेणियों में होगी। इसमें 60 किमी. की अल्ट्रा रन, 42 किमी. की फुल मैराथन, 21 किमी. की हाफ मैराथन, 10 किमी. व पांच किमी. की दौड़ होगी। दो नवंबर को गुंजी के बाद जून 2026 में नीती माणा में मैराथन प्रस्तावित है। व्यास और नीति घाटी में आयोजित होने वाली मैराथन में विजेताओं के लिए कुल 50 लाख की पुरस्कार राशि निर्धारित की गई है। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, आईजी आईटीबीपी संजय गुंज्याल, अपर सचिव पर्यटन अभिषेक रूहेला, पूजा गर्ब्याल मौजूद रहे।

 

 

 

 

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