उत्तराखंड

मुख्य सचिव से पूछा, अतिक्रमण करने वालों पर क्या कार्रवाई हुई ?

सुमित जोशी

रामनगर। हाईकोर्ट ने कार्बेट पार्क की सीमा से लगे क्षेत्र में रिसॉर्ट के मामले में राज्य के मुख्य सचिव को मौके पर जाकर जांच कर पांच मार्च तक अपनी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। इसमें कितनी भूमि पर रिसार्ट स्वामियों ने कब्जा किया है और उन पर की गई कार्रवाई की जानकारी भी देनी होगी।
हिमालयन युवा ग्रामीण विकास समिति के अध्यक्ष मयंक मैनाली द्वारा उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि रामनगर क्षेत्र में रिसॉर्ट मालिकों ने नियमों को ताक में रखकर कोसी नदी में अवैध तरीके से कब्जा कर निर्माण किया है और अवैध निर्माण लगातार जारी है। उनके द्वारा वन्य जीवों को हानि भी पहुंचाई जा रही है, साथ ही रिसॉर्ट से निकलने वाले सीवर आदि गंदगी को बिना किसी ट्रीटमेंट के सीधे कोसी नदी में बहाया जा रहा है। इससे कोसी दूषित होती जा रही है। आगे जाकर यही पानी रामनगर शहर समेत कई इलाकों में पेयजल से लेकर सिंचाई के लिए प्रयोग हो रहा है। याचिकाकर्ता ने न्यायालय से ऐसे रिसॉर्ट मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी। मुख्य न्यायाधीश केएम जोसफ ने सरकार से पूछा है कि अब तक अतिक्रमण पर क्या कार्रवाई की गई है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी प्रस्ताव दिया है कि यदि रिसार्ट स्वामियों से व्यक्तिगत रूप से नोटिस की तामील कराने में सुरक्षा की कमी हो तो कोर्ट उसे सुरक्षा प्रदान कर सकती है।

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