उत्तराखंड में बीमारियों की निगरानी के लिए बनेगा राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, स्वास्थ्य विभाग ने शुरू की पहल..
उत्तराखंड: उत्तराखंड सरकार ने स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश में संचारी और गैर–संचारी रोगों की रोकथाम, निगरानी और समय पर पहचान के उद्देश्य से राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र स्थापित किया जाएगा। सरकार ने केंद्र खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इस केंद्र के स्थापित होने से ब्लॉक और जिला स्तर पर रोगों की रोकथाम, सर्विलांस और उपचार संबंधी गतिविधियों की प्रभावी निगरानी की जा सकेगी। इससे राज्य में बढ़ते मौसमी, वेक्टर जनित तथा जीवनशैली से जुड़े रोगों पर नियंत्रण रखने में बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (NICD) देश में रोगों की रोकथाम, महामारी विज्ञान सर्विलांस, शोध और प्रशिक्षण का प्रमुख संस्थान है। यह विभिन्न बीमारियों के प्रकोप और उनके नियंत्रण पर विस्तृत स्टडी करने के साथ साथ इलाज संबंधी मानक दिशानिर्देश भी जारी करता है।
प्रदेश में नया रोग नियंत्रण केंद्र खुलने से एनआईसीडी के शोध और दिशानिर्देशों के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली और अधिक वैज्ञानिक बनेगी। साथ ही किसी भी संक्रामक रोग के फैलाव को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाए जा सकेंगे। केंद्र की स्थापना से राज्य में रोगों की अर्ली डिटेक्शन, सर्विलांस सिस्टम, डेटा मैनेजमेंट, और ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को मजबूत किया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा। सरकार का लक्ष्य है कि नए रोग नियंत्रण केंद्र के माध्यम से जनता को बेहतर, तेज और वैज्ञानिक तरीके से स्वास्थ्य सुरक्षा उपलब्ध कराई जा सके। आने वाले महीनों में इसकी स्थापना से संबंधित आगे की औपचारिकताएं पूरी की जाएँगी।
संचारी और गैरसंचारी रोगों की रोकथाम, सर्विलांस और समय पर पहचान सुनिश्चित करने के लिए राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र खोला जाएगा। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है और देहरादून में इसके लिए स्थान का चयन किया जा रहा है। राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (NICD) की ओर से देशभर में निचले स्तर पर रोगों की प्रभावी निगरानी के उद्देश्य से सभी राज्यों में ऐसे केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई है। यह केंद्र ब्लॉक से लेकर जिला स्तर तक रोग नियंत्रण व्यवस्था को मजबूत करेगा। संचारी रोग सर्दी-जुकाम, फ्लू,मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, टीबी, हैजा, एचआईवी एड्स, खसरा और हेपेटाइटिस ए, बी, और सी और गैरसंचारी रोग उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, सांस से संबंधित रोग अस्थमा व क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी की रोकथाम व जांच पर राष्ट्रीय रोग केंद्र के माध्यम से इन बीमारियों की रोकथाम, समय पर पहचान, सर्विलांस डेटा संग्रह, और उपचार प्रोटोकॉल पर लगातार निगरानी की जाएगी। केंद्र के स्थापित होने से प्रदेश में रोग निगरानी प्रणाली और मजबूत होगी। किसी भी महामारी, मौसमी बीमारी या जीवनशैली से जुड़े रोगों के बढ़ते प्रकोप पर स्वास्थ्य विभाग को अर्ली अलर्ट मिलेगा, जिससे समय रहते आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि यह केंद्र प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत स्थापित किया जा रहा है। केंद्र बन जाने के बाद प्रदेश में संक्रमण के कारण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाले संचारी रोगों पर रोकथाम, नियंत्रण और समय पर अलर्ट जारी करने की क्षमता मजबूत होगी। साथ ही गैरसंचारी रोगों की रोकथाम हेतु भी ठोस रणनीतियाँ तैयार की जा सकेंगी। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग महानिदेशालय में सार्वजनिक स्वास्थ्य का इमरजेंसी ऑपरेशन सेल भी स्थापित कर रहा है। इस सेल के बनने से आपदा, दुर्घटना या किसी भी आपात परिस्थिति में पूरे राज्य में त्वरित उपचार उपलब्ध कराने स्वास्थ्य संसाधनों के समन्वय और आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेजी आ सकेगी। नए रोग नियंत्रण केंद्र और इमरजेंसी ऑपरेशन सेल के स्थापित होने से राज्य में स्वास्थ्य संरचना और आधुनिक, वैज्ञानिक और तेजी से प्रतिक्रिया देने वाली बनेगी। विशेषज्ञों के अनुसार इससे भविष्य में महामारी जैसी परिस्थितियों से निपटने की क्षमता भी काफी बढ़ेगी।