त्रिस्तरीय पंचायतों में खाली पदों पर 20 नवंबर को होंगे उपचुनाव, कल जारी होगी अधिसूचना..
उत्तराखंड: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने ऐलान किया है कि हरिद्वार जिले को छोड़कर उत्तराखंड के सभी जिलों में 20 नवंबर को पंचायत उपचुनाव कराए जाएंगे। इसके लिए मंगलवार को अधिसूचना जारी की जाएगी। जानकारी के अनुसार राज्य में ग्राम पंचायतों के कुल 33,114 पद वर्तमान में रिक्त हैं। इन रिक्त पदों पर उपचुनाव संपन्न होने के बाद 4,843 ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन किया जाएगा। आयोग का कहना हैं कि ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के पदों के लिए नामांकन प्रक्रिया 11 से 13 नवंबर तक चलेगी। नामांकन पत्र संबंधित विकासखंड मुख्यालयों से प्राप्त किए जा सकेंगे, जबकि जिला पंचायत सदस्यों के नामांकन पत्र जिला मुख्यालयों से दिए जाएंगे।
निर्वाचन प्रक्रिया के तहत नामांकन पत्रों की जांच 14 नवंबर को होगी, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 नवंबर तय की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को उपचुनावों की तैयारियां पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि हरिद्वार जिले को इसमें शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि वहां का पंचायत चुनाव कार्यक्रम अलग से तय किया जाएगा। उपचुनाव के बाद प्रदेश की ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक कार्यों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है। पंचायत प्रतिनिधियों की कमी से प्रभावित ग्रामीण विकास योजनाओं को भी नई गति मिलने की संभावना जताई जा रही है।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कुल 33,114 पद रिक्त हैं। इन पदों पर उपचुनाव के बाद 4,843 ग्राम पंचायतों का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और क्षेत्र पंचायत सदस्य के नामांकन पत्र 13 और 14 नवंबर को जमा किए जाएंगे।नामांकन पत्र ब्लॉक मुख्यालयों में जमा होंगे, जबकि जिला पंचायत सदस्य पद के लिए नामांकन पत्र जिला मुख्यालयों में दाखिल किए जाएंगे। नामांकन पत्रों की जांच 15 नवंबर को की जाएगी और नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 नवंबर निर्धारित की गई है। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि मतदान 20 नवंबर को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक संपन्न होगा।
इसके बाद मतगणना की प्रक्रिया संबंधित जिलों में पूरी की जाएगी। उन्होंने कहा कि उपचुनावों के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिलाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने सभी जिलों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने, मतदान केंद्रों की समीक्षा और कर्मचारियों की तैनाती के निर्देश जारी कर दिए हैं। हरिद्वार जिले को इन उपचुनावों से बाहर रखा गया है, क्योंकि वहां का पंचायत चुनाव कार्यक्रम अलग से तय किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पंचायतों में लंबे समय से कई पद खाली पड़े थे, जिससे ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों पर असर पड़ रहा था। अब उपचुनाव के बाद ग्राम पंचायतों में नई ऊर्जा के साथ स्थानीय शासन व्यवस्था को मजबूती मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
त्रिस्तरीय पंचायतों में इतने पद हैं खाली..
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने सोमवार को मुख्य विकास अधिकारियों (CDO) और जिला पंचायत राज अधिकारियों (DPRO) के साथ वर्चुअल बैठक कर उपचुनाव की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जानकारी के अनुसार प्रदेश की त्रिस्तरीय पंचायतों में वर्तमान में ग्राम पंचायत सदस्य के 33,114, ग्राम प्रधान के 22, जिला पंचायत सदस्य का एक और क्षेत्र पंचायत सदस्य के दो पद रिक्त हैं। इन सभी पदों पर उपचुनाव के तहत मतदान कराया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नामांकन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी ग्रामीण क्षेत्रों तक व्यापक रूप से पहुंचाई जाए, ताकि पात्र प्रत्याशी समय पर नामांकन करा सकें।
उन्होंने कहा कि पोलिंग पार्टियों की तैनाती, प्रशिक्षण, मतदान केंद्रों की व्यवस्था और सुरक्षा प्रबंध समय रहते पूरे कर लिए जाएं। सुशील कुमार ने यह भी स्पष्ट किया कि उपचुनाव को पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए आयोग लगातार जिलों के संपर्क में रहेगा। बता दे कि हरिद्वार जिले को छोड़कर पूरे प्रदेश में 20 नवंबर को मतदान होगा। इससे पहले नामांकन पत्र 13 और 14 नवंबर को दाखिल किए जाएंगे। नामांकन की जांच 15 नवंबर को और नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 नवंबर तय की गई है। इन उपचुनावों के माध्यम से प्रदेश की हजारों ग्राम पंचायतों को नए प्रतिनिधि मिलेंगे, जिससे ग्रामीण विकास योजनाओं और स्थानीय प्रशासनिक व्यवस्था को नई दिशा और मजबूती मिलने की उम्मीद है।