उत्तरकाशी में फिर भालू का आतंक, हमले से बचने के दौरान पहाड़ी से गिरी महिला की दर्दनाक मौत..
उत्तराखंड: उत्तरकाशी जिले में वन्यजीवों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। औंगी गांव में भालू के हमले की घटना के कुछ ही दिनों बाद अब हीना गांव में भी एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। जानकारी के अनुसार, हीना गांव निवासी अंबिका (27 वर्ष), पत्नी अंकित असवाल शनिवार को अन्य महिलाओं के साथ जंगल में घास काटने गई थीं। तभी झाड़ियों में छिपे भालू ने अचानक उन पर हमला कर दिया। भालू को देखकर महिलाएं घबराकर भागने लगीं। इस दौरान अंबिका का पैर फिसल गया और वह गहरी खाई में जा गिरीं। हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई। साथ गई महिलाओं ने किसी तरह अपनी जान बचाई और गांव लौटकर घटना की जानकारी ग्रामीणों को दी। सूचना मिलते ही गांव के लोग मौके पर पहुंचे और शव को खाई से निकालकर गांव लाए। इसके बाद पुलिस और वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि क्षेत्र में लगातार बढ़ रही भालू की घटनाओं के बावजूद वन विभाग की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सिर्फ एक सप्ताह पहले औंगी गांव में भी भालू के डर से भाग रही एक महिला की खाई में गिरकर मौत हो गई थी। इसके बावजूद विभाग की ओर से न तो पिंजरा लगाया गया और न ही गश्त बढ़ाई गई। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र में भालू पकड़ने के लिए तत्काल कार्रवाई की जाए और प्रभावित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। स्थानीय लोगों ने यह भी चेतावनी दी है कि अगर वन विभाग जल्द कार्रवाई नहीं करता, तो वे सामूहिक आंदोलन करने को मजबूर होंगे। घटना के बाद से हीना और आसपास के गांवों में भय और आक्रोश का माहौल है। महिलाएं अब अकेले जंगल जाने से डर रही हैं, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि भालू अक्सर खेतों और घरों के आसपास घूमते दिखाई दे रहे हैं।