शिक्षकों का बड़ा ऐलान, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होगी पुनर्विचार याचिका, TET अनिवार्यता का किया विरोध..
उत्तराखंड: शिक्षकों के लिए टीईटी (Teacher Eligibility Test) अनिवार्य किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब शिक्षक संगठन कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ने निर्णय लिया है कि इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की जाएगी।संगठन के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. सोहन माजिला का कहना हैं कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के लाखों शिक्षक प्रभावित होंगे। इनमें से बड़ी संख्या ऐसे शिक्षकों की है, जिन्होंने 20 साल या उससे भी अधिक अवधि तक शिक्षा सेवा में योगदान दिया है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक सेवाएं देने के बाद सिर्फ टीईटी न होने के कारण शिक्षकों को पदोन्नति से वंचित करना न्यायसंगत नहीं है। डॉ. माजिला ने आगे कहा कि शिक्षक संगठन का मानना है कि सेवा में पहले से कार्यरत शिक्षकों पर टीईटी लागू करना व्यावहारिक नहीं है।
उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि इस फैसले के प्रभाव को देखते हुए उचित कदम उठाए जाएं और अनुभवी शिक्षकों के हितों की रक्षा की जाए। शिक्षक संगठनों का कहना है कि वे इस मुद्दे पर एकजुट होकर आंदोलन और कानूनी लड़ाई दोनों रास्तों पर आगे बढ़ेंगे। उनका मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलने तक यह लड़ाई जारी रहेगी। संगठन ने निर्णय लिया है कि सबसे पहले प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करेगा और उन्हें स्थिति से अवगत कराएगा। यदि इसके बावजूद समाधान नहीं निकलता है तो संगठन सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा। शिक्षक संगठनों का कहना है कि वे अपने अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। उनका यह भी मानना है कि सेवा में पहले से कार्यरत शिक्षकों को इस फैसले से छूट दी जानी चाहिए, ताकि अनुभवी शिक्षकों को न तो पदोन्नति से वंचित किया जाए और न ही उनकी नौकरी पर संकट आए।
