उत्तराखंड

15 सितंबर से दो धामों के लिए शुरू होगी हेली सेवा, एमआई-17 करेगा संचालन..

15 सितंबर से दो धामों के लिए शुरू होगी हेली सेवा, एमआई-17 करेगा संचालन..

 

 

 

उत्तराखंड: उत्तराखंड मानसून सीजन की समाप्ति के बाद अब श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। जौलीग्रांट हेलिपैड से 15 सितंबर से एमआई-17 हेलिकॉप्टर सेवा एक बार फिर नियमित उड़ान भरेगी। रोजाना दो उड़ानें संचालित की जाएंगी, जिनमें एक उड़ान में 20 श्रद्धालु जौलीग्रांट से सीधे दो धामों के लिए यात्रा कर सकेंगे।एसडीआरएफ मुख्यालय के पास स्थित जौलीग्रांट हेलिपैड से इस यात्रा सीजन में रुद्राक्ष एविएशन कंपनी ने 3 मई से दो धामों के लिए हेलिकॉप्टर सेवा शुरू की थी। लेकिन भारी बरसात के चलते 18 जून से उड़ानें स्थगित कर दी गई थीं। अब मौसम सुधरने के साथ ही सेवा 15 सितंबर से पुनः शुरू की जा रही है।हेलिकॉप्टर सेवा से चारधाम यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को न केवल समय की बचत होगी बल्कि यात्रा और भी सुविधाजनक हो जाएगी।

रुद्राक्ष एविएशन कंपनी ने इस यात्रा सीजन की शुरुआत में 3 मई से ही हेलिकॉप्टर उड़ानें शुरू की थीं। लेकिन भारी बरसात के चलते 18 जून से सेवाएं रोकनी पड़ी थीं। अब मौसम सुधरने के साथ ही श्रद्धालुओं को फिर से हेलीकॉप्टर सुविधा मिल रही है। कंपनी अधिकारियों के अनुसार, इस बार दीपावली का त्योहार जल्दी पड़ रहा है, जिसके चलते धामों के कपाट निर्धारित समय से पहले बंद होंगे। इसी वजह से हेलिकॉप्टर सेवा 18 अक्तूबर तक ही संचालित की जाएगी। पिछले दो वर्षों की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं में हेलिकॉप्टर यात्रा को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। यही कारण है कि कंपनी लगातार तीसरे साल इस सेवा का संचालन कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि हेलिकॉप्टर यात्रा से श्रद्धालुओं को न केवल समय की बचत होती है बल्कि उन्हें सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से धामों तक पहुंचने का अवसर मिलता है।

रुद्राक्ष एविएशन ने श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए किराये में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। जौलीग्रांट से दो धामों के लिए एमआई 17 का एक तरफ का किराया प्रति श्रद्धालु एक लाख 25 हजार (एक दिन में वापसी) और एक लाख 35 हजार (रात्रि विश्राम) रखा है। जिसकी बुकिंग शुरू की जा चुकी है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से बुकिंग कराई जा सकती है। अब मौसम सुधरने पर कंपनी ने सेवा बहाल करने का निर्णय लिया है। इससे श्रद्धालुओं को न केवल सुरक्षित और आरामदायक यात्रा मिलती है बल्कि समय की भी बड़ी बचत होती है।

 

 

 

 

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