हर परिवार को मिले सरकार की महत्वकांक्षी योजना का लाभ: मयूर..
जल जीवन मिशन के तहत जिले में 488 योजनाओं में फेज वन का कार्य पूर्ण
फेज टू के लिए विभाग ने तैयार की डीपीआर, जल्द शुरू किया जायेगा कार्य..
637 राजस्व ग्रामों के 56,852 परिवारों को होगा पेयजल उपलब्ध..
रुद्रप्रयाग। जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत फेज-वन एवं फेज-टू में किए जा रहे कार्यों को गुणवत्ता एवं शीर्ष प्राथमिकता के साथ किया जाय। इस योजना से कोई भी व्यक्ति छूटना नहीं चाहिए। केन्द्र व राज्य सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना का लाभ हर परिवार को मिलना चाहिए।
जिला कार्यालय में डीएम मयूर दीक्षित ने जल जीवन मिशन के अंतर्गत फेज-वन एवं फेज-टू में किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिशासी अभियंता जल निगम से जानकारी प्राप्त की। अधिशासी अभियंता जल निगम नवल कुमार ने बताया कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत जनपद में 637 राजस्व ग्रामों की संख्या है, जिसमें 56,852 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है, जिसमें जल निगम ने 38,701 एवं जल संस्थान ने 18,151 परिवारों को पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
उन्होंने बताया कि फेज-वन में जल संयोजन के लिए 582 डीपीआर तैयार स्वीकृत की गई हैं, जिसमें 391 जल निगम तथा 191 जल संस्थान द्वारा डीपीआर तैयार की गई हैं। इसमें 488 योजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं तथा 94 योजनाएं ड्राॅप की गई हैं। उन्होंने कहा कि फेज-2 में 253 योजनाएं हैं, जिसमें 132 जल निगम तथा 121 जल संस्थान के पास हैं। इसमें 104 योजनाओं की डीपीआर तैयार की गई हैं, जिसमें जल निगम की 56 योजनाएं हैं, जिनकी लागत 137.70 करोड़ तथा जल संस्थान द्वारा 48 योजनाओं की डीपीआर तैयार की गई हैं। जिसकी लागत 15.20 करोड़ रुपए है।
बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान एवं जल निगम को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन योजना केंद्र एवं राज्य सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है। इस योजना के तहत जनपद वासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन कार्यों को गुणवत्ता के साथ शीर्ष प्राथमिकता से करते हुए जनपद वासिसों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि फेज-1 में जो भी कार्य अपूर्ण कार्य हैं, उन कार्यों को शीघ्रता से शीघ्र पूर्ण करना सुनिश्चित करें तथा फेज-2 में जिन कार्यों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई हैं, उन पर त्वरित गति से कार्य करना सुनिश्चित करें तथा जिन कार्यों पर रिटेंडर किए जाने हैं, उन पर तत्काल रिटेंडर करते हुए टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन योजनाओं में अधिक धनराशि होने का अनुमान है, उन योजनाओं को जन प्रतिनिधियों से समन्वय करते हुए योजनाएं तैयार की जाएं। उन्होंने योजना में कंर्वजन प्लान को भी प्रस्तुत करते हुए जिला विकास अधिकारी एवं जिला पंचायत राज अधिकारी को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि जनपद के जिन विद्यालयों में पेयजल संयोजन नहीं हुए हैं, उनमें भी शीर्ष प्राथमिकता से पेयजल संयोजन कराना सुनिश्चित करें। जिसके लिए उन्होंने शिक्षा विभाग को ऐसे विद्यालयों की सूची जल निगम को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही उन्होंने जिन आंगनबाड़ी केंद्रों में पेयजल संयोजन नहीं हुए हैं। ऐसे आंगनबाड़ी केंद्रों पेयजल संयोजन कराने को कहा। उन्होंने पंचायत घरों में भी पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। साथ ही स्वास्थ्य केंद्रों में भी पेयजल कनेक्शन लगाने को कहा। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, परियोजना निदेशक रमेश चंद्र, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय सिंह, सिंचाई पीएस बिष्ट सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
