परवीन सेमवाल
रुद्रप्रयाग। मध्य हिमालय में विराजमान द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर व तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट खोलने की तिथि बैसाखी पर्व पर शीतकालीन गद्दस्थलों में वेदपाठियों, आचार्यो, हक-हकूकधरियों की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार घोषित कर दी गयी है। तुंगनाथ के कपाट 2 मई को साढ़े दस बजे मिथुन लग्न तथा मद्महेश्वर के कपाट 21 मई को प्रातः साढ़े 11 बजे सिंह लग्न में ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेगे। भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 30 अप्रैल को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ से प्रस्थान कर प्रथम रात्रि प्रवास गांव के निकट भूतनाथ मन्दिर में करेगी। जहां पर ग्रामीणों द्वारा नये अनाज का भोग अर्पण किया जायेगा। 2 मई को भगवान तुगनाथ कें डोली के धाम पहुंचने पर भगवान तुगनाथ कें कपाट ग्रीष्मकाल कें खोल दिये जाएंगे। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम विख्यात भगवान मद्महेश्वर की डोली 19 मई को अपने शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मन्दिर से हिमालय के लिये रवाना होगी तथा 21 मई को भगवान मद्महेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के धाम पहुंचने पर मद्महेश्वर के कपाट ग्रीष्मकाल के लिये खोल दिये जाएंगे।
