पट्टे की जमीन को पहले रेलवे में अधिकृत बताया और फिर इनकार कर दिया….
खांकरा निवासी गुडडी देवी ने जिलाधिकारी से लगाई न्याय की गुहार, कहा असहाय समझकर किया जा रहा षड्यंत्र….
रुद्रप्रयाग। रेलवे जमीन अधिग्रहण और मुआवजा वितरण को ग्राम पंचायत खांकरा निवासी एक महिला ने रेलवे अधिकारियों पर भेदभाव और गुमराह करने का आरोप लगाया है। महिला ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा कि पहले तो पटवारी और रेलवे अधिकारियों द्वारा उनकी पट्टे की जमीन को रेल लाइन निर्माण में अधिकृत बताया गया और मुआवजा जल्द से जल्द वितरण करने का आश्वासन दिया गया और फिर अचानक दोबारा सर्वे कर रेलवे में जमीन अधिकृत होने से साफ इनकार कर दिया।
जिसके बाद मामला पेचीदा हो गया और महिला ने जांच की मांग की है।अगस्त्यमुनि विकास खण्ड की ग्राम पंचायत खांकरा निवासी गुडडी देवी ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत के अंतर्गत उनके पति के नाम से दस नाली पट्टे की जमीन है, जिसका पूरे दस्तावेज और नक्शा उनके पास है। कहा कि घर पर अकेली और असहाय होने के कारण पहले तो उन्हें जमीन रेलवे में अधिकृत होने की कोई जानकारी नहीं दी गई, लेकिन जब उन्हें अन्य ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि आपकी जमीन रेलवे द्वारा अधिकृत की गई है तो उन्होंने जिलाधिकारी के सामने अपनी समस्या रखी। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर पटवारी खांकरा और रेलवे अधिकारियों द्वारा मौके पर जाकर जमीन की पूरी सर्वे की गई और सभी दस्तावेज भी सही पाए गए।
अधिकारियों द्वारा कहा गया कि आपकी जमीन रेलवे मे अधिकृत है और उपरोक्त जमीन का आपको जल्द मुआवजा मिलेगा। यहां तक रेलवे अधिकारियों की ओर से मुआवजे की फाइल भी तैयार होने की बता कही गई।
पीड़ित महिला ने आरोप लगाया कि अचानक दो दिन बाद फिर पटवारी खांकरा और रेलवे अधिकारी मौके पर आए और उन्होंने दोबारा सर्वे किया, जिसके बाद बताया गया कि उनकी जमीन रेलवे में अधिकृत नहीं हो रही है। यहां तक उस जमीन को उनकी ना होने और नए नक्शे में दूसरी जमीन होने की बात कही गई। जबकि दो दिन पहले रेलवे अधिकारियों द्वारा जमीन को रेलवे में अधिकृत बताया गया और सरकारी नक्शे में जमीन को सही पाया गया था। पीड़ित महिला गुडडी देवी ने कहा कि अचानक इस तरह गलत रिपोर्ट तैयार कर उन्हें गुमराह किया जा रहा है। उनका अनपढ़ और असहाय होने का फायदा उठाया जा रहा है और इससे पहले भी उनकी रेलवे में जो अन्य जमीने अधिकृत हुई हैं, उनका भी पूरा पैंसा उन्हें नहीं मिला है। कहा कि अचानक दस्तावेजों को बदलना और इस तरह महिला को गुमराह करना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने जिलाधिकारी से मामले की जांच कर न्याय दिलाने की मांग की है।