उत्तराखंड

पार्किंग निर्माण शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मंदिर को खतरा

पार्किंग निर्माण शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मंदिर  को खतरा , कार्य में नहीं रखा जा रहा गुणवत्ता का ध्यान , जनता में आक्रोश, आंदोलन को तैयार

रुद्रप्रयाग। नगर क्षेत्रान्तर्गत मस्तोली गदरे में करोड़ों रूपये की लागत से निर्माणाधीन पार्किंग के निर्माण मंेे भारी अनियमिताएं बरती जा रही हैं। जिस कारण स्थानीय जनता में कार्यदायी संस्था के खिलाफ आक्रोश बना हुआ है, जो कि कभी भी आंदोलन का रूप ले सकता है।
विदित हो कि नगर पंचायत के अन्तर्गत मस्तोली गदेरे में केन्द्र सरकार की पर्यटन मंत्रालय के प्रसाद योजना के तहत लगभग तीन करोड 32 लाख रूपये की लागत से पार्किंग का निर्माण किया जा रहा है। पार्किग निर्माण में भारी अनियमितताएं बरती जाने से स्थानीय जनता में आक्रोश बना हुआ है। आलम यह है कि पार्किंग का निर्माण कार्य चालीस प्रतिशत पूर्ण हो चुका है, मगर अभी तक पार्किंग के निर्माण में लोहे का प्रयोग ही नहीं किया गया है। स्थानीय जनता का आरोप है कि निर्माण कार्य में घटिया सामाग्री का प्रयोग किया जा रहा है।

पार्किंग निर्माण में लोहे का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। ठेकेदार अपनी मनमर्जी से कार्य करने में लगा है। क्षेत्र में यदि पूर्व की तरह आपदा आती है तो इस पार्किंग के निर्माण से मस्तोली, डंगवाड़ी गांव और भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल आंेकारेश्वर मंदिर उखीमठ को भारी क्षति होने की संभावनाएं बनी हुई हैं। क्षेत्रीय जनता का कहना है कि पार्किंग निर्माण में बरती जा रही भारी अनियमितताआंे की शिकायत कई बार जिला, तहसील प्रशासन एवं पर्यटन विभाग के अधिकारियों से की गयी है, फिर भी पार्किंग के निर्माण में गुणवत्ता को दरकिनार किया जा रहा है।

जिला पंचायत सदस्य कालीमठ संगीता नेगी का कहना है कि पार्किंग के निर्माण कार्य में भारी अनियमितताएं बरती जा रही है। उनका कहना है कि कई बार जिला प्रशासन व पर्यटन विभाग के अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है, फिर भी पार्किग के निर्माण मंे गुणवत्ता नहीं बरती जा रही है। कहा कि यदि पार्किंग निर्माण में गुणवत्ता नहीं बरती गई तो स्थानीय जनता को पार्किंग का निर्माण कार्य रोकने के लिए मजबूत होना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर जिला पर्यटन अधिकारी पीके गौतम का कहना है कि निर्माण कार्य की जांच की जायेगी और दोषी पाये जाने पर कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की होगी।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top