वीरान पहाड में खुशियों की किलकारी है मोहित..
एक युवा जो फिर आबाद करना चाहता है पहाड़..
रुद्रप्रयाग की राजनीति में भोर की किरण सी खिली..
उत्तराखंड: रुद्रप्रयाग विधानसभा के यूकेडी प्रत्याशी मोहित डिमरी रुद्रप्रयाग जनपद के लिए एक नया जोश और नयी ऊर्जा का प्रवाह हैं। बता दे कि डिमरी एक पत्रकार, समाजसेवी और जन अधिकार मंच रुद्रप्रयाग के अध्यक्ष हैं। हमेशा ही उन्होंने रुद्रप्रयाग की जनता के सुख दुःख में उनका साथ दिया हैं।
मोहित ने एक पत्रकार के तौर पर न सिर्फ समाज में असहाय और मुसीबत में फंसे लोगों की आवाज उठाई बल्कि वह उनकी मदद के लिए हर समय तत्पर भी रहे। केदारनाथ आपदा के दौरान भी चारों ओर बर्बादी का आलम था। उस समय भी मोहित ने कई असहाय लोगों की मदद की। आपदा के समय की अच्छी रिपोर्टिंग के लिए मोहित डिमरी को दिल्ली में सम्मानित भी किया था।
बता दे कि वह कभी किसी दलित गरीब महिला के आशियाने की लड़ाई लड़ते हैं तो कभी चारधाम यात्रा मार्ग से विस्थापित व्यापारियों की। कभी भरदार की पानी के लिए संघर्ष करता तो कभी भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर आवाज उठाते हैं। कोरोना काल में उन्होंने देश भर में फंसे प्रवासियों को मदद पहुंचाने के लिए हरसंभव कोशिश की।
कोरोना की दूसरी लहर में रुद्रप्रयाग में जब दवाओं की कमी थी तो उन्होंने देहरादून के कई सहयोगियों की मदद से वहां पर दवाओं की आपूर्ति करवाई। आर्थिक तौर पर संपन्न न होते हुए भी डिमरी सोशल मीडिया के माध्यम से किसी बीमार के लिए इलाज की व्यवस्था करवा देते है। पिछले कई सालों से मोहित डिमरी यूं ही पहाड़ की पगडंडियों को लेकर सड़क पर घूमते दिखते हैं। वाकई मोहित जी को देखकर कुछ पंक्तिया याद आ जाती हैं।
ये मेरी जमी ,ये मेरे पहाड़
मेरी रँगतो की शान हैं
ये जन्म भूमि यह कर्म भूमि
ये ही मेरा स्वभिमान है
ये ऊंचे हिमालय मेरे गढ़वाल का मान है
और आस्था के ये चारो धाम मेरे पहाड़ की शान है
पहाड़ को समर्पित मोहित निश्चित रूप से उत्तराखंड की राजनीति में एक नवजात बच्चे की सी किलकारी है।पहाड़ के लिए एक सुखद भविष्य है। एक उम्मीद है कि कोई तो है जो सच्चे मायने में पहाड़ के लिए पहाड़ में रहना चाहता है। बसना चाहता है, पहाड़ को आबाद करना चाहता है।